
सिख दंगों पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान को पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के पोते ने नकार दिया है. नरसिम्हा राव के पोते और बीजेपी नेता एनवी सुभाष ने कहा कि एक परिवार के सदस्य के रूप में मैं डॉ. मनमोहन सिंह के इस बयान से दुखी हूं. यह अस्वीकार्य है. क्या कोई गृह मंत्री कैबिनेट की मंजूरी के बिना स्वतंत्र निर्णय ले सकता है? अगर सेना बुला ली गई होती, तो यह अनर्थ हो जाता.
मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा था कि तत्कालीन गृहमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अगर समय रहते हुए इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मानी होती, तो 1984 में हुए सिख दंगे को टाला जा सकता था. मनमोहन सिंह ने कहा कि गुजराल ने 1984 के सिख दंगों को रोकने के लिए सेना को तैनात करने की सलाह दी थी, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव ने उनकी इस सलाह को नजरअंदाज कर दिया था. गुजराल ने सिख दंगा भड़कने की रात को गृहमंत्री नरसिम्हा राव से मुलाकात भी की थी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'इंद्र कुमार गुजराल सिख दंगे से पहले के माहौल को लेकर बेहद चिंतित थे और रात में तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे. गुजराल ने नरसिम्हा राव को सलाह दी थी कि हालात बेहद गंभीर हैं. लिहाजा सरकार को जल्द से जल्द सेना को बुलाना चाहिए और तैनात करना चाहिए. अगर गुजराल की सलाह को नरसिम्हा राव ने मान लिया होता, तो 1984 का सिख नरसंहार टल सकता था.'