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यह एक राजनीतिक लड़ाई, विपक्ष खड़ा करेगा राष्ट्रपति उम्मीदवार: सीताराम येचुरी

येचुरी बोले कि अभी तक के इतिहास में बिना कॉन्टेस्ट के राष्ट्रपति चुनाव नहीं हुआ है, ऐसा सिर्फ एक बार हुआ था. अधिकतर बार बीजेपी की ओर से हार के डर के कारण उम्मीदवार नहीं खड़ा किया गया है. यह एक राजनीतिक लड़ाई है, इसलिए उम्मीदवारी जरुरी है.

सीताराम येचुरी का बड़ा बयान सीताराम येचुरी का बड़ा बयान
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

राष्ट्रपति चुनाव अब धीरे-धीरे करीब आ रहे हैं, इसके साथ ही विपक्ष में सरगर्मी भी बढ़ रही है. विपक्ष 22 जून को इस मुद्दे पर बैठक करेगा, लेकिन बैठक से पहले सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बड़ा बयान दिया है. येचुरी ने कहा है कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव लड़ेगा और उम्मीदवार खड़ा करेगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है.

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येचुरी बोले कि अभी तक के इतिहास में बिना कॉन्टेस्ट के राष्ट्रपति चुनाव नहीं हुआ है, ऐसा सिर्फ एक बार हुआ था. अधिकतर बार बीजेपी की ओर से हार के डर के कारण उम्मीदवार नहीं खड़ा किया गया है. यह एक राजनीतिक लड़ाई है, इसलिए उम्मीदवारी जरुरी है.

BJP ने नहीं दिया था समर्थन
सीताराम येचुरी ने कहा कि हम पर समर्थन ना देने का आरोप क्यों लग रहा है. इससे पहले प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल के समय भी बीजेपी ने समर्थन नहीं दिया था. पिछले चुनाव में पी.ए. संगमा को खड़ा कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि कौन-सी राजनीति किस तरीके के रुझानों को अपनाती है.

येचुरी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि यह लोग ऐसे हैं जिनके प्रवक्ता ने कहा था कि ईसाई और मुसलमान देश के अंदर एलियन हैं या बाहरी लोग है. भारत का संविधान हर नागरिक को बराबरी का अधिकार देता है, ये गैर संवैधानिक बातें जो करते हैं और उसके अंदर विश्वास रखते हैं.

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ये एक राजनीतिक लड़ाई
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति हमारे संविधान के संरक्षक हैं उस संरक्षक की भूमिका को निभाते हैं. ये लड़ाई राजनीतिक है, व्यक्तियों के चरित्र के बारे में नहीं है. जो संविधान के संरक्षण की क्षमता जो रखते हैं ऐसा चेहरा चाहिए. आज एक राजनीतिक लड़ाई है जो संविधान की रक्षा करना चाहता है और जो संविधान के विपरीत अपने देश के चरित्र को ही बदलना चाहता है.

एक धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र के गणतंत्र से बदल कर एक हिंदुत्व राष्ट्र लाने की जो कोशिश है उसके लिए देश में राजनीतिक संघर्ष हो रहा है. देश में राष्ट्रपति का चुनाव जरुर होगा, एक भारत के नागरिक बेशक दलित जरूर होंगे. उसके अंदर आदिवासी भी हो सकते हैं कई और भी हो सकते हैं.

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