
हवाओं में थोड़ी हलचल होने के चलते दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिन में विजिबिलिटी में खासा सुधार दर्ज किया गया है. लेकिन इन सबके बीच वायू प्रदूषण के लेवल थोड़ी कम होने के बावजूद काफी खतरनाक स्तर पर बने हुए हैं. दिल्ली में पीएम 10 कणों की मात्रा औसतन 808 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य स्तर के मुकाबले तकरीबन आठ गुना है. इसी तरह फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण पीएम 2.5 की मात्रा दिल्ली के विभिन्न इलाकों में औसतन 622 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बनी रही है जो सामान्य लेवल के मुकाबले 10 गुने से ज्यादा है.
स्मॉग कम रहने और हल्की हवा चलने के बावजूद दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा के खतरे में कोई खास कमी नहीं आई है. इसके उलट दिन में धूप निकलने के चलते दिल्ली एनसीआर में जगह-जगह ओजोन का लेवल सामान्य के मुकाबले डेढ़ से दो गुने तक हो गए. यानी दूर तक दिखने के खतरे वायु प्रदूषण के चलते और बढ़ गए.
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की बात करें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से सबसे खतरनाक लेवल पर रहे और यहां के वातावरण को सिवियर बताया गया. इसी के साथ कॉर्बन मोनो आक्साइड और ओजोन के लेवल सामान्य मुकाबले डेढ़ गुने पाए गए.
पीतमपुरा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से सबसे खतरनाक लेवल पर रहा और यहां के वातावरण को सिवियर बताया गया. इसी के साथ कॉर्बन मोनो आक्साइड के लेवल सामान्य मुकाबले डेढ़ गुने पाए गए. ओजोन और नाइट्रोजन आक्साइड सामान्य रहे.
पूसा कैंपस में पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से सबसे खतरनाक लेवल पर रहे और यहां के वातावरण को सिवियर बताया गया. इसी के साथ कॉर्बन मोनोऑक्साइड के लेवल सामान्य के मुकाबले डेढ़ गुना पाए गए. वहीं ओजोन और नाइट्रोजन ऑक्साइड सामान्य लेवल पर रहे.
लोधी रोड पर पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से सबसे खतरनाक लेवल पर रहे और यहां के वातावरण को सिवियर बताया गया. इसी के साथ कॉर्बन मोनो आक्साइड सामान्य से थोड़ा ऊपर रही तो ओजोन के लेवल सामान्य पाए गए.
मथुरा रोड पर पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से खतरनाक लेवल से काफी ऊपर रहे और यहां के वातावरण को सिवियर बताया गया. इसी के साथ कॉर्बन मोनो आक्साइड और ओजोन के लेवल सामान्य पाए गए.
ये तो हुई दिल्ली की बात अब बात करते हैं आसपास के इलाकों की. नोएडा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से खतरनाक लेवल से काफी ऊपर रहे और यहां के वातावरण को भी सिवियर बताया गया. इसी के साथ ओजोन के लेवल सामान्य से ऊपर रिकॉर्ड किए गए. कॉर्बन मोनोऑक्साइड का स्तर यहां पर सामान्य से नीचे रहा.
गुड़गांव की बात करें तो यहां पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से खतरनाक लेवल से काफी ऊपर रहा और यहां के वातावरण को भी सिवियर बताया गया. लेकिन यहां पर ओजोन और कॉर्बन मोनो ऑक्साइड सामान्य स्तर पर रहे. वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली मौसम विभाग के आईआईटीएम के तहत सफर प्रोग्राम के मुताबिक राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अगले 24 घंटों में कोई खास सुधरने वाली नहीं है इसमें मामूली कमी ही रिकॉर्ड की जाएगी. लेकिन उसके बाद यहां पर प्रदूषण में कमी आएगी.