
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे एस एम कृष्णा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, 'कल, कल.' उन्होंने रविवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाया है, जिसमें वह अपने फैसले के बारे में जानकारी दे सकते हैं और आगे की रणनीति का खुलासा कर सकते हैं.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वह कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के रैवेये से नाराज हैं. सूत्रों ने साथ ही बताया कि कृष्णा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर यह बात बता दी है.
कृष्णा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की बात कही है और उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मुक्त करने की मांग की है.
कांग्रेस में पांच दशक से ज्यादा वक्त बिता चुके 84 वर्षीय एसएम कृष्णा पहली बार 1968 में मांड्या से सांसद चुने गए थे. वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत की दहलीज पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
इसके बाद मनमोहन सिंह कैबिनेट में उन्होंने विदेश मंत्री का जिम्मा संभाला और फिर महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहें. हालांकि 2012 में उन्हें पद से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में वापसी की, लेकिन वहां कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार कर जेडीएस से पार्टी में आए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बना दिया. कृष्णा इस बात से खफा भी थे और और पिछले दो साल से पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे थे.
कृष्णा के इस्तीफे की खबरें फैलने जैसे ही लगी, तो हैरानी जताते हुए राज्य कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता. कुछ नेता कृष्णा से मिलने उनके घर भी पहुंचे, जो एक समारोह में शामिल होने गए थे.
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और प्रदेश के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे इस बारे में नहीं पता. अगर यह सच है तो मैं इस पर भरोसा नहीं कर सकता. मैं अभी प्रतिक्रिया नहीं दे सकता.' उन्होंने कहा, 'हमने किसी तरह से उन्हें दरकिनार नहीं किया. वे हमारी पार्टी के सबसे चहेते नेताओं में से हैं. पार्टी ने उन्हें दरकिनार नहीं किया.' वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी कहा कि ऐसी कोई सूचना नहीं है.