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Triple Talaq: जब संसद में स्मृति ने कहा- हिम्मत हो तो हनुमान चालीसा सुना दीजिएगा

Triple talaq smriti irani hanuman chalisa संसद में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस्लामिक इतिहास का हवाला दिया और उनके भाषण पर टिप्पणी कर रहे एक सदस्य को हनुमान चालीसा पढ़ने तक की नसीहत दे डाली.

Smriti Irani Smriti Irani
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा हुई. इस दौरान सत्ता पक्ष समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने अपनी राय व्यक्त की और इस दौरान गर्मागरम बहस भी देखने को मिली. चर्चा के दौरान जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने विचार रखते हुए इस्लामिक इतिहास का जिक्र किया और पैगंबर मोहम्मद के वक्त के कुछ वाकयों का हवाला देते हुए तीन तलाक को समाज की बड़ी बुराई करार दिया तो इस दौरान अचानक उनके तेवर सख्त हो गए और उन्होंने एक सदस्य को हनुमान चालीसा सुनाने की चेतावनी दे डाली.

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तीन तलाक पर मीनाक्षी लेखी, मुख्तार अब्बास नकवी और मोहम्मद सलीम जैसे सांसदों के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. ईरानी ने अपनी बात की शुरुआत में कहा कि सदन में 1986 के कानून की दुहाई दी गई जो कहता है कि कानून के मुताबिक इद्दत की मुद्दत तक ही गुजारा भत्ता मिलेगा. ईरानी ने इसके लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि जब कांग्रेस के पास मौका था तब उनकी सरकार मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में खड़ी नहीं हुईं.

जब सख्त हो गए स्मृति ईरानी के तेवर

कांग्रेस की आलोचना करते हुए स्मृति ईरानी ने इस्लामिक इतिहास का हवाला दिया और कहा कि दूसरे खलीफा के सामने पहली बार ऐसा केस आया जब एक व्यक्ति से पूछा गया कि क्या आपने ऐसे तलाक दिया है तो उसने स्वीकार किया और उसे 40 कोड़ों की सजा सुनाई गई. इस बीच उनके सामने से आवाज आई और उनसे खलीफा का नाम लेने की मांग की गई. इस पर स्मृति ईरानी के तेवर बदल गए और उन्होंने कहा, 'हजरत साहब का नाम मुझसे सुनना चाहते हैं तो मैं भी हनुमान चालीसा आपके मुंह से सुनना चाहूंगी, कभी हिम्मत हो तो सुना दीजिएगा.'

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इसके आगे उन्होंने तीन तलाक कानून के अपराधीकरण का विरोध करने वालों पर भी टिप्पणी की. स्मृति ने कहा कि दहेज और सती प्रथा को भी गैरकानूनी बनाया गया है और जो लोग कहते हैं कि मुस्लिम समाज में शादी महज एक कॉन्ट्रैक्ट है, ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि अगर कॉन्ट्रैक्ट रद्द होता है तो वह भी समान शर्तों पर रद्द किए जाते हैं.

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