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अनुमान के विपरीत बदला मौसम का मिजाज, कई इलाकों में हुई बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश के तमाम इलाकों में बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. मौसम विभाग के मुताबिक शिमला और आसपास के इलाकों में बदले हुए मौसम में बर्फबारी की खबर है. यहां पर नेशनल हाईवे 5 के आसपास फागु और कुफरी में बर्फबारी रिकॉर्ड की गई.

कई इलाकों में हुई बर्फबारी कई इलाकों में हुई बर्फबारी
सिद्धार्थ तिवारी/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:45 PM IST

हिमाचल प्रदेश के तमाम इलाकों में बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. मौसम विभाग के मुताबिक शिमला और आसपास के इलाकों में बदले हुए मौसम में बर्फबारी की खबर है. यहां पर नेशनल हाईवे 5 के आसपास फागु और कुफरी में बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. उधर मनाली के पास में रोहतांग दर्रे पर हल्की बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है. यहां पर गुलाबा से ऊपर बदले हुए मौसम के चलते बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. हिमाचल के जनजातीय इलाकों की बात करें, तो किन्नौर में कई जगहों पर 3 से 5 सेंटीमीटर तक की बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. यहां पर काल्पा में 5 सेंटीमीटर की बर्फबारी रिकॉर्ड की गई.

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बारिश से बदला मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल के इलाकों में पिछले 24 घंटे से बादलों की आवाजाही बनी हुई है. कई जगहों पर हल्की बारिश से मौसम बदला हुआ है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल की राजधानी शिमला में 0.7 मिली मीटर की बारिश रिकॉर्ड की गई है. भुंतर में 0.2 मिलीमीटर की हल्की बारिश हुई है, तो वहीं धर्मशाला में 4.4 मिलीमीटर की बारिश दर्ज हुई है. नाहन में 1.2 मिलीमीटर और सोलन में 5.8 मिलीमीटर की बारिश दर्ज हुई है.

मौसम विभाग के वैज्ञानिक चौंके
दरअसल मौसम के बदले हुए मिजाज ने मौसम विभाग के तमाम वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. अपने मौसम पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने बमुश्किल इक्का-दुक्का स्थानों पर हल्की-फुल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना जताई थी, लेकिन पिछले 24 घंटे में एक बड़े इलाके में बारिश और बर्फबारी दर्ज हुई है.

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उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचल में बदले हुए मौसम के पीछे एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बताया जा रहा है. इस वेदर सिस्टम के चलते जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम बदल गया है. ऐसा अनुमान है कि अगले 24 घंटे में उत्तराखंड के तमाम इलाकों में इस सिस्टम के चलते हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है. अगले 24 घंटे में यह सिस्टम जब आगे निकल जाएगा, तो इसके पीछे 28 दिसंबर से एक दूसरा वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक दे रहा है.

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है की 28 दिसंबर से आने जा रहा वेदर सिस्टम कम ताकतवर है. लिहाजा इसकी वजह से मैदानी इलाकों में तापमान एक बार फिर से ऊपर चढ़ जाएंगे लेकिन इस वेदर सिस्टम का असर ऊंची पहाड़ियों पर देखा जाएगा.

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