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क्रिसमस और न्यू ईयर पर बर्फबारी होने की उम्मीद कम

मौसम विभाग के डीडीजीएम देवेंद्र प्रधान की माने तो इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस काफी कमजोर आ रहे हैं. अभी तक इस सीजन में ऐसा कोई भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं आया है जिसका असर जम्मू कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल और उत्तराखंड में नजर आया हो.

बर्फबारी की उम्मीद कम बर्फबारी की उम्मीद कम
सिद्धार्थ तिवारी
  • शिमला/कश्मीर,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

इस बार जाड़ों के सीजन में वैसा मौसम देखने को नहीं मिल रहा है जैसा कि आम तौर पर होना चाहिए. मौसम के जानकारों का कहना है कि इस बार उत्तर पश्चिम हिमालय में मौसम की चाल बदली हुई है. दिसंबर खत्म होने को है लेकिन अभी तक हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के तमाम पहाड़ी इलाकों में अच्छी बर्फबारी नहीं हुई है. सुपर कंप्यूटर के जरिए मौसम के आंकड़ों की विवेचना करने पर यह समझ में आ रहा है कि अगले 15 दिनों तक यह ट्रेंड फिलहाल जारी रहेगा यानी इस बार क्रिसमस पर शिमला में बर्फबारी होने की संभावना ना के बराबर है तो वहीं मसूरी अभी भी बर्फ की सफेद चादर से मरहूम है. यह स्थिति 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भी नहीं बदलने जा रही.

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दरअसल इस बार उत्तर पश्चिम हिमालय को झमाझम बर्फबारी देने वाले वेदर सिस्टम नदारद हैं. मौसम विभाग के डीडीजीएम देवेंद्र प्रधान की माने तो इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस काफी कमजोर आ रहे हैं. अभी तक इस सीजन में ऐसा कोई भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं आया है जिसका असर जम्मू कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल और उत्तराखंड में नजर आया हो. इसी के साथ मैदानी इलाके भी मानसून के बाद होने वाली जाड़ों की बारिश से अभी तक रूबरू नहीं हुए हैं.

किसानों को ठंड का इंतजार
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के तमाम इलाके सितंबर के बाद से बारिश की राह देख रहे हैं. इस बार मौसम ने कुछ ऐसी पलटी मारी है इन सभी इलाकों में अक्टूबर-नवंबर और दिसंबर सूखा ही जा रहा है. खास बात यह है इस बार जाड़ों के सीजन में दिन और रात के तापमान में भी वैसी गिरावट नहीं है जैसी कि अमूमन इन दिनों देखी जाती है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तमाम गेहूं उत्पादक इलाकों में कम ठंड की वजह से उत्पादन घटने की भी आशंका गहराने लगी है. जानकारों का कहना है कि जब ठंड पड़ती है तो गेहूं के पौधे में कोपल ज्यादा फटती है और इस वजह से गेहूं में ब्रांचिंग अच्छी होती है. लेकिन इस बार गेहूं में ब्रांचिंग कमजोर रह रही है.

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इन सबके बीच मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर खत्म होते होते उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर इलाकों में तापमान सामान्य के आसपास आ आएंगे. इसी के साथ ज्यादातर इलाकों में 15 जनवरी तक सामान्य सर्दी पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी. भले ही इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस कमजोर रह रहे हो लेकिन दिसंबर के बाद इनके मजबूत होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि अच्छी बर्फबारी इस बार नहीं होगी.

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