
उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में समाजवादी पार्टी उग्र प्रदर्शन और मुआवजे तक ही सिमट गई है. वहीं, सोनभद्र मामले में वह सियासी माइलेज लेने में पीछे छूट गई थी. उत्तर प्रदेश में अपनी साख बचाने के साथ योगी सरकार को घेरने के लिए उसके पास सोनभद्र-उन्नाव जैसे मौके थे, लेकिन पार्टी उन मौकों को भुना नहीं पाई. अब समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता आजम खान के लिए अपनी लड़ाई शुरू कर दी है.
उधर, उन्नाव रेप पीड़िता जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है, लेकिन उसे इंसाफ मिलता नहीं दिख रहा. क्योंकि इस मामले का कथित आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पार्टी में बना हुआ है. वहीं, विपक्ष का दबाव भी अब तक बेअसर रहा है. हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव पीड़िता से मिलने लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे. उन्होंने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रु. और घायल वकील के परिवार को 5 लाख रु. की आर्थिक सहायता मुहैया कराई. लेकिन पार्टी अब जौहर यूनिवर्सिटी मामले में फंसे आजम खान के लिए लड़ाई शुरू कर चुकी है.
वहीं, समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. हाल ही में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को हिरासत में लिया गया था, हालांकि उन्हें जमानत मिल गई. अब अब्दुल्ला आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर मौन धरने पर बैठ गए हैं. उनके समर्थन में पार्टी भी उतर चुकी है.
मंगलवार को रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पुलिस ने छापा मारा था. यहां से ऐसी कई किताबें बरामद की गई थीं, जो मदरसा आलिया से चोरी हुई थीं. इन किताबों का जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के रजिस्टर और रिकॉर्ड में कहीं भी ब्योरा दर्ज नहीं है. वहीं, आजम खान पर पहले से ही अजीमनगर थाने में जमीन हड़पने को लेकर कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं.