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भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष एकजुटता के लिए रणनीति बना रहा है. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद सौंपने के बाद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी गठबंधन को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. मंगलवार को उन्होंने कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया है. इस डिनर में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर विचार हो सकता है.
इस डिनर में करीब 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है. हालांकि, इन पार्टियों के अलावा भी कई चेहरे ऐसे हैं जिनपर सभी की नज़र है. इनमें बाबूलाल मरांडी और जीतन राम मांझी का नाम भी शामिल है. दोनों मंगलवार शाम को सोनिया के डिनर में शामिल हो सकते हैं.
ये दल होंगे शामिल -
कांग्रेस, सपा, बीएसपी, टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई, डीएमके, जेएमएम, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, आरजेडी, जेडीएस, केरल काँग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, आरएसपी, एनसीपी, नेशनल कांफ्रेंस, एआईयूडीएफ, आरएलडी
कई पार्टियां इस डिनर में अपने प्रतिनिधियों को भी भेज सकती हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के शामिल होने पर लगातार संशय बरकरार है. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस डिनर में शामिल नहीं होंगी हालांकि उनकी पार्टी की तरफ से प्रतिनिधि जरूर हिस्सा लेंगे.
दरअसल, शरद पवार ने खुद विपक्षी पार्टियों के लिए डिनर आयोजित किया है इसलिए उनके शामिल होने पर संशय बरकरार है. शरद पवार ने कांग्रेस को भी अपने डिनर के लिए निमंत्रण भेजा है. शरद पवार टीआरएस को भी डिनर में शामिल होने के लिए बुलावा भेज सकती है.
साफ है कि इस डिनर डिप्लोमेसी के जरिये सोनिया एक तीर से दो निशाना साधना चाहती हैं. विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाकर वह ये साबित करना चाहती हैं कि मोदी के विकल्प के तौर पर बनने वाले गठजोड़ का नेतृत्व कांग्रेस के पास ही होगा.