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इंदिरा के बाद नेहरू-गांधी परिवार से राज्यसभा पहुंचने वाली दूसरी मेंबर बनेंगी सोनिया गांधी

रायबरेली उत्तर प्रदेश की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है. इसे भारत की राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का मजबूत किला माना जाता है. 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीतकर संसद पहुंचे. इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. जबकि सोनिया गांधी ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली लोकसभा सीट जीती. 2024 में रायबरेली का प्रतिनिधित्व कौन सा राजनेता करेगा?

सोनिया गांधी सोनिया गांधी
बिकाश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भर दिया है. इसके साथ ही सोनिया, गांधी-नेहरू फैमिली से दूसरी ऐसी सदस्य होंगी जो संसद के उच्च सदन जा रही हैं. इससे पहले देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही राज्यसभा गई हैं. बता दें कि कांग्रेस ने आज ही राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. 

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राज्यसभा का रास्ता चुनकर सोनिया ने अपनी सास इंदिरा गांधी का तरीका अख्तियार करने का फैसला किया है. सोनिया अपनी परंपरागत सीट रायबरेली, जहां से वो 2004 से सांसद हैं, की बजाय राज्यसभा से संसद जा रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला तब लिया है जब अगले लोकसभा चुनाव की घोषणा में एक महीने से भी कम का समय रह गया है. 

इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं. अब इंदिरा के बाद सोनिया गांधी-नेहरू परिवार की दूसरी सदस्य होंगी जो उच्च सदन में प्रवेश लेने जा रही हैं. 

बता दें कि 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद इंदिरा अगस्त 1964 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं. इंदिरा फरवरी 1967 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं. तब इंदिरा तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल हुई थीं. 

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1966 की शुरुआत में जब लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई तो कांग्रेस पार्टी में संसदीय दल के नेता का चुनाव हुआ. इस चुनाव में इंदिरा ने अपने प्रतिद्वंदी मोरारजी देसाई को शिकस्त दी. इसके बाद उन्होंने देश की बागडोर संभाली और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. 

राय बरेली से इंदिरा की कहानी उतार-चढ़ाव की है. इंदिरा गांधी ने 1967, 1971 और 1980 में रायबरेली सीट जीती. 1980 में, उन्होंने रायबरेली और अविभाजित आंध्र प्रदेश के मेडक से चुनाव लड़ा. उन्हें दोनों ही स्थानों पर जीत मिली. लेकिन वे मेडक सीट से सांसद बनीं और रायबरेली सीट छोड़ दी. इससे पहले राजनारायण ने 1977 में रायबरेली में इंदिरा गांधी को हराया था. इंदिरा ने 1978 में चिकमंगलुरु उपचुनाव जीता जीता था. 

रायबरेली से सोनिया का सफर

अमेठी और रायबरेली से सोनिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो सोनिया गांधी ने 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से पहला चुनाव लड़ा. सोनिया दोनों जगह से जीतीं लेकिन वे अमेठी की सांसद बनी रहीं और बेल्लारी को छोड़ दिया. 2004 में वे अमेठी छोड़कर पड़ोस की सीट राय बरेली से मैदान में उतरीं और जीत हासिल कीं.  

रायबरेली उत्तर प्रदेश की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है. इस जगह के नेहरू-गांधी परिवार के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से भी ऐतिहासिक संबंध हैं. 1952 में फिरोज गांधी पहली बार रायबरेली से जीते. इंदिरा भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. सोनिया गांधी ने 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली लोकसभा सीट जीती. 

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2004 में जब यूपीए एक की सरकार बनी तो बाद में सोनिया गांधी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की सदस्य बनी. सोनिया का ये पद विवादों में घिर गया. 23 मार्च 2006 को, सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) अध्यक्ष और रायबरेली सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया. सोनिया ने कदम भाजपा की ओर से तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को भेजी गई एक याचिका के जवाब में उठाया था, जिसमें उन्हें इस आधार पर लोकसभा से हटाने की मांग की गई थी कि वह एनएसी के अध्यक्ष के रूप में लाभ के पद पर हैं. टीडीपी ने पहले इस संबंध में राष्ट्रपति को याचिका दी थी. कुछ ही महीनों के भीतर, सोनिया ने रायबरेली से फिर से चुनाव लड़ा और वे 4,17,888 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से फिर से चुनी गईं.

रायबरेली से अब कौन?

इस बीच अब चर्चा ये है कि लोकसभा चुनाव में नहीं उतरने का फैसला करने के बाद रायबरेली में उनकी जगह कौन लेगा? पार्टी के अंदर उनकी बेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में चर्चा है,जो संभवत: संसदीय चुनाव में रायबरेली से उतर सकती हैं. यह सोनिया गांधी के उच्च सदन के लिए चुनाव लड़ने के फैसले से पैदा हुई चर्चा है.

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इस बीच, सोनिया गांधी के राज्यसभा में प्रवेश ने भारत के राजनीतिक परिदृश्य में उनकी निरंतर उपस्थिति की एक और पुष्टि कर दी है.

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