
स्पेशल फोर्सेस ने 11 दिन पहले नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के 7 लॉन्च पैड तबाह कर दिए थे. इस ऑपरेशन में वो पुराने हथियार इस्तेमाल किए गए जिन्हें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले साल जून में ही बदले जाने का निर्देश दिया था.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक हथियारों को खरीदने की प्रक्रिया में देरी के चलते पैरा कमांडो को पुराने हथियारों से ही 29 सितंबर की रात को आतंकी ठिकानों पर हमला करना पड़ा. नए हथियारों के लिए कुल खर्च लगभग 180 करोड़ रुपये के आसपास है. ऐसा तब हुआ जब पर्रिकर ने हथियारों के आधुनिकीकरण को फास्ट ट्रेक करने का निर्देश दे रखा है.
अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल जून में म्यांमार में 21 स्पेशल फोर्सेज बटालियन के सीमारेखा पार करके ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद पर्रिकर के सामने आधुनिकीकरण का प्रस्ताव सेना ने रखा था. म्यांमार में सेना ने मणिपुर में 18 जवानों के शहीद होने के बाद संदिग्ध एनएससीएन-के के ठिकानों पर हमला किया था.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि म्यांमार जैसा ऑपरेशन आगे भी करना है तो स्पेशल फोर्सेज के लिए कुछ हथियारों को फौरन खरीदने का विचार था. अगर इस प्लान पर काम किया गया होता तो सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले 4 एसएफ और 9 एसएफ के जवान ज्यादा आधुनिक और लाइटवेट रॉकेट लॉन्चर इस्तेमाल करते.