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चीनी निवेश के चक्कर में पाक अधिकृत कश्मीर को साथ मिलाना चाहता है पाकिस्तान?

क्या पाकिस्तान सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा घोषित करने जैसी कोई खिचड़ी पका रही है. पाक अधिकृत कश्मीर के पीएम फारूक हैदर खान ने ऐसी ही अटकलों को मजबूती देने वाला बयान हाल में दिया है.

इमरान खान (फाइल फोटो) इमरान खान (फाइल फोटो)
हमजा आमिर
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

  • PoK में निवेश कश्मीर के लोगों के लिए तबाही बन सकता है
  • पाकिस्तान इस हिस्से को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं देता

क्या पाकिस्तान सरकार पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा घोषित करने जैसी कोई खिचड़ी पका रही है. पाक अधिकृत कश्मीर के पीएम फारूक हैदर खान ने ऐसी ही अटकलों को मजबूती देने वाला बयान हाल में दिया है.

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हैदर ने बयान में कहा था कि वो PoK के आखिरी प्रधानमंत्री हो सकते हैं. इस तरह की अटकलों ने PoK में रहने वाले कश्मीरियों को आशंकित कर दिया है.

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ऐसा संगठन है जो कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों का ही विरोध करता है और कश्मीर के लिए अलग होमलैंड की मांग करता है. जेकेएलएफ ने पाकिस्तान सरकार की ओर से PoK को साथ मिलाने की अटकलों पर चिंता जताते हुए इसे पाकिस्तान में चीन के भारी निवेश के साथ जोड़ा है.

जेकेएलएफ के अध्यक्ष तौकीर गिलानी ने कहा, “चीन का पाकिस्तान और PoK में बढ़ता निवेश एक कारण हो सकता है जिसकी वजह से पाक सरकार PoK को पाकिस्तान के साथ मिलाने की बात कर रही है. क्योंकि पाकिस्तान इस हिस्से को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं देता.”

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गिलानी ने कहा कि चीन का PoK में निवेश कश्मीर और इसके लोगों के लिए तबाही बन सकता है और साथ ही पाकिस्तान को इस जमीन पर अपना दशकों से चला आ रहा रुख छोड़ने पर मजबूर कर सकता है. चीनी कारोबारी दिमाग के होते हैं. वो हमारे क्षेत्र में निवेश करेंगे. लेकिन साथ ही वो इसे विवादित भूमि के तौर पर नहीं देखना चाहेंगे. क्योंकि विवादित भूमि पर बड़ी कारोबारी पहल नहीं की जा सकतीं. इसलिए बीजिंग हमारे क्षेत्र का वैधानिक दर्जा बदलना चाहता है और पाकिस्तान के साथ इसे मिलाना सबसे आसान रास्ता है."

गिलानी के मुताबिक पाकिस्तान हताशा में चीनी निवेश बढ़ाने के चक्कर में कुछ भी कर सकता है. गिलानी ने कहा, देखिए चीन ने श्रीलंका में क्या किया? अफ्रीका में वो क्या कर रहा है. हम कैसे चीनी निवेश और पाकिस्तान के सत्ताधारियों के हित की खातिर अपने क्षेत्र का दर्जा बदलने दे सकते हैं. हमारी नीति शुरू से साफ रही है कि हम भारत और पाकिस्तान से अलग कश्मीर का भविष्य देखते हैं.

जेकेएलएफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ऐसी कोई भी कोशिश करता है तो उसका पूरी ताकत के साथ विरोध किया जाएगा.

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