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विरोध प्रदशर्नों के बीच श्रीलंकाई महिला ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर पूजा की

शशिकला नाम की ये महिला अपने पति सरवानन और बेटे के साथ दर्शन के लिए आई थीं. उन्होंने पंबा में शुक्रवार सुबह पत्रकारों से कहा कि उन्हें मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं मिली. करीब 40 साल की 2 महिलाओं के बुधवार को मंदिर में प्रवेश को लेकर श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया.

फाइल फोटो- रॉयटर्स फाइल फोटो- रॉयटर्स
aajtak.in
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:53 AM IST

अधिकारियों का दावा है कि केरल के सबरीमाला में गुरुवार रात भगवान अयप्पा के मंदिर में 47 वर्षीय श्रीलंकाई महिला ने प्रवेश किया और पूजा-अर्चना की. इस बीच सबरीमाला मंदिर में 2 महिलाओं के प्रवेश को लेकर केरल में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान कई जगहों पर देसी बम फेंके गए.

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि श्रीलंकाई महिला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. इस बात को लेकर संशय बना हुआ था कि क्या शशिकला नामक महिला गुरुवार देर रात को मंदिर में पूजा करने में सफल रही थी, क्योंकि महिला ने शुक्रवार सुबह दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था जबकि श्रद्धालुओं का कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा था.

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आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि महिला ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और वहां पूजा-अर्चना की. पुलिस ने बाद में शशिकला के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए. हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिये ‘पदीनेट्टमपदी’ यानी पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी.

सन्नीधानम (मंदिर परिसर) के प्रभारी कन्नूर के महानिरीक्षक (आईजी) बलराम कुमार उपाध्याय से संपर्क नहीं हो सका. शशिकला अपने पति सरवानन और बेटे के साथ दर्शन के लिए आई थीं. उन्होंने पंबा में शुक्रवार सुबह पत्रकारों से कहा कि उन्हें मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं मिली. करीब 40 साल की 2 महिलाओं के बुधवार को मंदिर में प्रवेश को लेकर श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया.

हालांकि सरवानन भी इस बात पर कायम रहे कि केवल वह और उनका बेटा ही गुरुवार को मंदिर में पूजा कर पाए. कुछ टेलीविजन चैनलों ने ‘इरुमुदीकेट्टू’ पवित्र प्रसाद और उनके साथ सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की तस्वीरें दिखायी थीं. मीडिया को देखकर पुलिसकर्मी वहां से चले गए.

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सबरीमाला की तलहटी में स्थित पंबा लौट कर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘श्रद्धालुओं ने कोई प्रदर्शन नहीं किया. लेकिन पुलिस ने मुझे वापस भेज दिया. मैं अयप्पा की भक्त हूं. उन्होंने मुझे मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी. मुझे किसी का डर नहीं है.’

महिला ने नाराजगी दिखाते हुए कहा, ‘उन्होंने मुझे जाने नहीं दिया। आखिर उन्होंने मुझे क्यों नहीं जाने दिया? आखिर आपलोग मेरे इर्द-गिर्द अब क्यों खड़े हैं? मुझे किसी का डर नहीं है. अयप्पा आपको इसका जवाब देंगे. मैं अयप्पा की भक्त हूं. मैं यहां औरों की तरह कुछ करने नहीं आई हूं. आपको पता चल जाएगा कि मैं कौन हूं’

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुरक्षा कारणों के चलते शशिकला संभवत: कह रही हों कि वह पूजा नहीं कर सकीं. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया.

उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आई थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिए और ‘इरुमुदीकेट्टू’ के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं.

चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में सबरीमला में पूजा की थी

जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है.

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पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने 2 जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी.

दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद गुरुवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए. महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से कुपति भगवा संगठनों के समर्थक प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और रोड़े बिछाकर सड़कें जाम कीं.

पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1,369 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 801 मामले दर्ज किए गए हैं. गुरुवार को हिंदू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था. उन्होंने बताया कि इस वक्त 717 लोग एहतियातन हिरासत में हैं.

पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के. शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गए.

उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गए. पुलिस ने बताया कि कन्नूर में देसी बम से हमले की 4 घटनाएं रिपोर्ट की गईं. राजनीतिक रूप से अस्थिर जिले में माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच लगातार संघर्ष होते रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि कन्नूर में स्थानीय भाजपा के कार्यालय को बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया. पथनमथिट्टा, कन्नूर, कोझिकोड और तिरुवनंतपुरम में सत्तारूढ़ माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हुए और पथराव किया गया.

देसी बम फेंकने और पथराव करने, छुटभैये समूहों के राज्य की सड़कों पर हंगामा करने, पुलिस और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ लड़ाइयों में कई लोग घायल हुए. इन प्रदर्शनों के दौरान छुरा घोंपने से भाजपा के तीन कार्यकर्ता भी घायल हुए.

हिंदुत्व समर्थक समूहों के मंच सबरीमाला कर्मा समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) ने भगवान अयप्पा के मंदिर में 2 रजस्वला महिलाओं के प्रवेश के विरोध में बृहस्पतिवार को हड़ताल का आह्वान किया. इस दौरान हुए प्रदर्शनों से राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ.

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के कारण चौतरफा विरोध प्रदर्शनों के बाद बृहस्पतिवार रात उत्तरी केरल में कासरगोड जिले के पलक्कड़ शहर और मंजेश्वरम तालुक में निषेधाज्ञा लागू की गई.

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