Advertisement

सृजन घोटाले में पहली बड़ी गिरफ्तारी, भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक के MD रहे पंकज झा गिरफ्तार

दूसरी ओर घोटाले में शामिल रहे बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. बीजेपी ने शुक्रवार को इस बारे में फैसला लिया. बता दें कि सृजन घोटाले में भागलपुर की पुलिस फरार चल रहे विपिन को तलाश रही है.

सृजन घोटाले में पुलिस को बीजेपी नेता विपिन शर्मा की तलाश सृजन घोटाले में पुलिस को बीजेपी नेता विपिन शर्मा की तलाश
नंदलाल शर्मा/सुजीत झा
  • पटना ,
  • 19 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सृजन घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद सृजन घोटाले में पहली बड़ी गिरफ्तारी हुई है. सुपौल के सहकारिता अधिकारी पंकज झा की सृजन घोटाले में गिरफ्तारी हुई है. पंकज झा 2007 से 2014 तक भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक के मैनजिंग डायरेक्टर थे.

दूसरी ओर घोटाले में शामिल रहे बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. बीजेपी ने शुक्रवार को इस बारे में फैसला लिया. बता दें कि सृजन घोटाले में भागलपुर की पुलिस फरार चल रहे विपिन को तलाश रही है.

Advertisement

क्यों निशाने पर हैं नीतीश और सुशील मोदी

बिहार में साल 2005 से ही नीतीश कुमार की सरकार है और जिस दौरान यह घोटाला किया गया, तब वित्त मंत्रालय बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के ही जिम्मे था. आरजेडी सुप्रीमो का आरोप है कि सुशील मोदी की मदद से ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया. लालू ने इस घोटाले में नीतीश कुमार, सुशील मोदी, शाहनवाज हुसैन, गिरिराज किशोर, निशिकांत दुबे और विपिन बिहारी पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि नीतीश ने इस घोटाले की जांच से खुद को बचाने के मकसद से ही बीजेपी के साथ हाथ मिलाया है.

आचार-पापड़ बनाने की आड़ में करोड़ों का गबन

दरअसल बिहार के भागलपुर में सृजन महिला सहयोग समिति नाम की संस्था में 1000 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है. महिलाओं को रोजगार प्रदान कर सशक्त बनाने के नाम पर चल रही इस संस्था में पापड़, मसाले, साड़ियां और हैंडलूम के कपड़े बनवाए जाते थे. इस महीने की शुरुआत में सरकार के खाते से ट्रांसफर की गई राशि से जुड़ा एक चेक बाउंस कर गया, जिससे यह घोटाला सामने आया.

Advertisement

इस एनजीओ की स्थापना मनोरमा देवी नाम की महिला ने किया था. आरोप है कि यह संस्था पापड़ और मसाले बनाने की आड़ में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की अवैध निकासी के खेल में शामिल थी. बताया जाता है कि साल 2007 से 2014 तक यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहा, लेकिन इस साल फरवरी महीने में मनोरमा देवी का निधन हो गया, जिसके बाद इसकी परतें खुलने लगीं.

इस तरह चलता था सृजन का गोरखधंधा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन संस्था ने बैंक और ट्रेजरी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दिया. बैंक अधिकारी सरकारी फंड को गुपचुप तरीके से सृजन के खाते में डाल दिया जाता था. इसके लिए सरकारी खजाने से विभिन्न विभागों को जारी किए जाने वाले चेक के पीछे इस एनजीओ का अकाउंट नंबर लिख दिया था. संस्था ने उस पैसे को रियल एस्टेट जैसे धंधों में लगाकर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए. इस धांधली में पकड़े जाने से बचने के लिए इन लोगों ने बैंक का फर्जी स्टेटमेंट जारी कर दिया करते थे. इस एनजीओ ने फर्जी पासबुक भी बना रखा था, जिससे वह 2007 से 14 के बीच सरकारी ऑडिट से बचती रही.

दो तरीकों से होती थी अवैध निकासी

Advertisement

भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने 'आज तक' को जानकारी देते हुए बताया कि यह संस्था दो तरीकों से इस पूरे सरकारी खजाने से अवैध निकासी का काम करती थी. एक तरीका था स्वाइप मोड और दूसरा था चेक मोड. स्वाइप मोड के जरिए भारी रकम राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराए जाते थे.

स्वाइप मोड में राज्य सरकार या केंद्र सरकार एक पत्र के माध्यम से बैंक को सूचित करती थी कि कितनी राशि बैंक में जमा करा दी गई है. बैंक के अधिकारी भी इस पूरे गोरखधंधे में शामिल थे. वह सरकारी खाते में इस पैसे को जमा नहीं दिखाकर 'सृजन' के खाते में इस पूरे पैसे को जमा कर दिया करते थे.

दूसरा तरीका था चेक मोड, जहां पर राज्य सरकार या केंद्र सरकार जो भी पैसे भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराना था वह चेक के माध्यम से किया जाता था. एक बार सरकारी खाते में चेक जमा हो जाता था तो फिर जिलाधिकारी के दफ्तर में शामिल कुछ लोग जो कि इस गोरखधंधे में हिस्सा थे, जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से अगले दिन वही राशि 'सृजन' के अकाउंट में जमा करा दिया करते थे.

पुलिस ने इस मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि सृजन की संस्थापक मनोरमा देवी की बहु एवं संस्था की सचिव प्रिया कुमार और उनके पति अमित कुमार फरार हैं. इन दोनों मुख्य आरोपियों को देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement