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SSC पेपर लीक आंदोलन में कूदा NSUI, छात्रों ने जताई आपत्ति

प्रदर्शन कर रहे छात्रों में ज्यादातर ये मानते हैं कि मामले को राजनीति से ना जोड़ा जाए. NSUI के जुड़ने से छात्रों की संख्या में इजाफा जरूर हुआ है पर ये भीड़ केवल एक दिन की मानी जा रही है और ssc के छात्रों की मानें तो ये किसी भी राजनीतिक पार्टी का साथ नहीं चाहते हैं.

एसएससी पेपर लीक मामले में प्रदर्शन करते छात्र एसएससी पेपर लीक मामले में प्रदर्शन करते छात्र
स्मिता ओझा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:20 AM IST

एसएससी उम्मीदवारों के आंदोलन का शुक्रवार को 18वां दिन था. परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जांच पर अड़े इन छात्रों के साथ अब NSUI भी जुड़ गया है. करीब 5000 छात्र एसएससी दफ्तर के बाहर एकजुट हुए और जमकर नारेबाज़ी की.

हज़ारों की संख्या में एकजुट हुए ये छात्र एसएससी परीक्षा में हो रही धांधली की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. सीजीओ कॉम्पलेक्स के बाहर बैठे इन छात्रों के आंदोलन को नई जान NSUI के समर्थन से मिली है. बता दें कि एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र इकाई है. NSUI के छात्र शुक्रवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों का हौसला बढ़ाने पहुंचे और केंद्र सरकार पर जम कर निशाना साधा.

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हालांकि प्रदर्शन कर रहे छात्रों में ज्यादातर ये मानते हैं कि मामले को राजनीति से ना जोड़ा जाए. NSUI के जुड़ने से छात्रों की संख्या में इजाफा जरूर हुआ है पर ये भीड़ केवल एक दिन की मानी जा रही है और एसएससी के छात्रों की मानें तो ये किसी भी राजनीतिक पार्टी का साथ नहीं चाहते हैं.

एक प्रदर्शनकारी छात्र का कहना है, हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी राजनीतिक पार्टी इसमें कूदे और मामले का राजनीतिकरण करें. ये आंदोलन सरकारी परीक्षा में धांधली के विरुद्ध है और छात्रों का है. ये हमारे भविष्य का सवाल है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

छात्र ने कहा कि आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां अलग अलग तरीके से समय समय पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन कर रही हैं, लेकिन तमाम कोशिशों और 18 दिन से चले आ रहे प्रदर्शन के बावजूद इनसे बात तक करने अभी तक कोई सरकारी नुमाइंदा नहीं पहुंचा है.

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प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने इतने दिनों तक इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाया है पर NSUI ने यहां पहुंच कर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे दी है. ऐसे में एसएससी जैसे बड़े सरकारी परीक्षा में धांधली की जांच को लेकर शुरू हुआ ये साफ सुथरा आंदोलन कब तक राजनीति से दूर रहता है. ये देखने वाली बात होगी.

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