
राज्यसभा सांसद और राम मंदिर के पैरोकार सुब्रमण्यम स्वामी को पूरा भरोसा है कि अगली दिवाली नए राम मंदिर में होगी. स्वामी के पास अपने भरोसे के आधार, तर्क और दलीलें हैं.
आज तक से खास बातचीत में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 5 दिसंबर से बिना स्थगन लगातार सुनवाई शुरू हो जाएगी. ऐसे में अप्रैल या मई मध्य तक सुनवाई पूरी हो जाएगी. गर्मी की छुट्टियों में जज साहिबान फैसला लिख लेंगे और जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते तक फैसला आ जाएगा.
फैसला मंदिर के पक्ष में होगा इसको लेकर भी स्वामी खासे निश्चित हैं. उनका कहना है कि दावे के लिए उनका आधार सिविल या साधारण अधिकार नहीं बल्कि पूजा और धार्मिक आस्था मानने का बुनियादी अधिकार है. जब भी फैसला साधारण अधिकार और बुनियादी अधिकार के बीच करना हो तो अदालतें भी बुनियादी हक को तरजीह देती हैं. लिहाज़ा फैसला उनके पक्ष में ही आएगा.
अपने तर्क के समर्थन में स्वामी एसएआई की रिपोर्ट और नरसिंह राव सरकार के हलफनामे का भी ज़िक्र करना नहीं भूलते. जिसमें खुदाई में वहां भव्य मंदिर होने के प्रमाण मिले थे. स्वामी का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच असली दावेदार को लेकर लड़ाई है और राम मंदिर न्यास भी मुख्य दावेदार हैं. स्वामी ने विश्वास जताया है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा और अगली दिवाली राम मंदिर में मनाएंगे.
गौरतलब है कि हाल ही में स्वामी ने कहा था कि अयोध्या में निश्चित तौर पर श्रीराम मंदिर का निर्माण होगा. साथ ही उन्होंने जगत जननी सीता जी की जन्मस्थली सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण को हिंदू जागरण के लिए आवश्यक बताया था. उनका कहना है कि सीता जी के बिना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कल्पना ही नहीं की जा सकती है.