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सुनंदा पुष्कर केस: स्वामी की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा-मिसयूज न करें

कोर्ट ने कहा कि ये काफी डिस्टर्बिंग है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल से याचिका की कॉपी पोस्ट कर दी. जबकि उस पर हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी नहीं हुई थी और ये भी तय नहीं था कि कोर्ट उस पर सुनवाई करेगा या नहीं.

सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर. सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर.
आदित्य बिड़वई/पूनम शर्मा
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  • 26 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

सुनंदा पुष्कर मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. हाइकोर्ट ने कहा सुब्रमण्यम स्वामी की ये याचिका जनहित याचिका नहीं, बल्कि पॉलिटिकल याचिका है औऱ कोर्ट को इस तरह के मामलों मे सज़ग रहने की ज़रूरत है. कोर्ट को नहीं लगता कि इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सुना जाना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि ये काफी डिस्टर्बिंग है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल से याचिका की कॉपी पोस्ट कर दी. जबकि उस पर हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी नहीं हुई थी और ये भी तय नहीं था कि कोर्ट उस पर सुनवाई करेगा या नहीं. कोर्ट उम्मीद करता है कि स्वामी समेत पीआईएल लगाने वाले आगे इसका ध्यान रखेंगे.

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बता दें कि सुनंदा के बेटे ने भी इस मामले मे कोर्ट मे अर्जी लगाई थी कि इस याचिका को ख़ारिज किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात मे कोई दोराय नहीं कि इस मामले की जांच में पुलिस ने बिना ठोस कारण के समय लगाया है.

कोर्ट ने कहा कि याचिका लगाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका में कहीं जिक्र नहीं किया है पर वो बीजेपी से जुड़े हुए है और केस कांग्रेस के एक नेता की पत्नी की हत्या से जुड़ा हुआ है. ये सीधे-सीधे लोगों का ध्यान खींचने के लिए लगाई गई याचिका लगती है.

कोर्ट ने कहा कि स्वामी का आरोप है कि शशि थरूर ने UPA सरकार में केस को अपने प्रभाव से दबाने की कोशिश की और पुलिस जांच में भी अडंगा लगाया.

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जब कोर्ट ने आरोपों का आधार पूछा गया तो स्वामी ने कहा कि वो दूसरा एफिडेविट लगाना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले मे कोर्ट का मिसयूज किया जा रहा है.

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