
उत्तराखंड के जंगलों में आग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 24 जून को एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है, ताकि उत्तराखंड के जंगलों से वन्यजीवों और पक्षियों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें.
उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. अगले सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि सिर्फ मई महीने में ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की 79 घटनाएं सामने आई है. इस याचिका को टिहरी गढ़वाल के एक वकील रितूपुर्ण उनियाल ने दाखिल किया है.
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बारिश के लिए प्रार्थना करें, केवल बारिश से ही आग पर काबू पाया जा सकता है. जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि बारिश के लिए प्रार्थना की जा सकती है और कोर्ट के किसी आदेश से तुंरत कोई मदद नहीं मिलने वाला है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि आग की वजह से उत्तराखंड में 44 हजार हेक्टेयर जंगलों का नुकसान हुआ है. ये आंकड़ा साल 2000 में उत्तराखंड गठन होने के बाद का है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि जंगल में रहने वाले जानवरों और पक्षियों को कानूनी अधिकार दिया जाए और उनके अधिकार दिए जाएं.