Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अयोध्या मामले पर कार्यवाही रद्द करने की मांग

न्यायमूर्ति गोगोई ने याचिका देखते ही खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि यह क्या है. याचिकाकर्ता ने अयोध्या मामले पर चल रही कार्यवाही रोकने के साथ ही याचिककर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भी मांग की थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

  • याची ने की थी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग
  • कर्नल पुरोहित पर UAPA के तहत आरोप तय करने को हस्तक्षेप से इनकार

अयोध्या के राम जन्म भूमि विवाद के निपटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है. सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई रद्द करने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल हुई थी, जिस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को सुनवाई की.

Advertisement

न्यायमूर्ति गोगोई ने याचिका देखते ही खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि यह क्या है. याचिकाकर्ता ने अयोध्या मामले पर चल रही कार्यवाही रोकने के साथ ही याचिककर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भी मांग की थी.

मालेगांव विस्फोट मामले में दाखिल याचिका पर भी हुई सुनवाई

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में मालेगांव बम विस्फोट के मामले में आरोपी कर्नल पुरोहित के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत आरोप तय करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर भी सुनवाई हुई.

सर्वोच्च न्यायालय ने मालेगांव विस्फोट में जान गंवाने वाले एक युवक के पिता निसार अहमद बिलाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे भी खारिज कर दिया.  

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी कर्नल पुरोहित और छह अन्य के खिलाफ 30 अक्टूबर 2018 को आरोप तय कर दिए थे. विस्फोट की यह घटना सन 2008 की है.

Advertisement

इस हमले में आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सौ से अधिक घायल हो गए थे. निसार ने कर्नल पुरोहित के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत आरोप तय करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement