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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत का सामना करना चाहिए. ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रोहिंटन नरीमन की बेंच ने मंगलवार को की है.
निचली अदालत में चल रहे मुकदमे को रद्द करने की राहुल गांधी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'राहुल गांधी अगर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगना चाहते हैं तो फिर उन्हें निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना चाहिए. अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा तो उन्हें ट्रायल का सामना करना चाहिए.'
RSS के खिलाफ दिया था बयान
राहुल गांधी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए दोषी ठहराने वाले बयान के खिलाफ राजेश महादेव कुंटे नाम के एक शख्स ने भिवंडी, महाराष्ट्र में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है. इस बाबत दर्ज एफआईआर को राहुल गांधी रद्द करवाना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है.
'इतिहास ही गोपनीयता का दुश्मन'
मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राजेश कुंटे के वकील से भी कहा कि अगर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का प्रावधान है तो इसका मतलब ये नहीं की ज्यादा से ज्यादा मामले दायर हों. इतिहास गोपनीयता का सबसे बड़ा दुश्मन है.'
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'हम सिर्फ ये देखेंगे कि ये मामला धारा-499 यानी आपराधिक मानहानि के तहत आता है या नहीं.'
कोर्ट ने कहा- अब नहीं टलेगा मामला
राहुल गांधी के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वो किसी वजह से पेश नहीं हो पाए इसलिए राहुल गांधी की तरफ से पेश हो रहे जूनियर वकील ने कोर्ट से मामले को 2 हफ्तों के लिए टालने की मांग की लेकिन कोर्ट ने मामले को 2 हफ्ते तक टालने से मना कर दिया. कोर्ट ने इस मामले को सिर्फ अगले बुधवार यानी 27 जुलाई तक मुल्तवी कर दिया. कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि अब इस मामले को नहीं टाला जाएगा.