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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- खाप पंचायतों द्वारा शादी पर रोक लगाना गैरकानूनी

सुप्रीम कोर्ट ने ऑन किलिंग मामले की सुनवाई करते हुए खाप पंचायत पर बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि खाप पंचायत का किसी भी शादी पर रोक लगाना अवैध है. अदालत ने कहा कि अगर कोई भी संगठन शादी को रोकने की कोशिश करता है, तो वह पूरी तरह से गैर कानूनी है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनर किलिंग मामले की सुनवाई करते हुए खाप पंचायत पर बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि खाप पंचायत का किसी भी शादी पर रोक लगाना अवैध है. अदालत ने कहा कि अगर कोई भी संगठन शादी को रोकने की कोशिश करता है, तो वह पूरी तरह से गैर कानूनी है.

वहीं, ऑनर किलिंग मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑनर किलिंग को IPC में हत्या के अपराध के तहत कवर किया जाता है. साथ ही ऑनर किलिंग को लेकर लॉ कमिशन की सिफारिशों पर विचार हो रहा है. इस संबंध में 23 राज्यों के विचार प्राप्त हो चुके हैं.

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अभी छह राज्यों के विचार आने बाकी हैं. केंद्र ने कहा कि कोर्ट सभी राज्यों को हर जिले में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए स्पेशल सेल बनाने के निर्देश जारी करे. अगर कोई युगल शादी करना चाहता है और उसे जान का खतरा है, तो राज्य उनके बयान दर्ज कर कार्रवाई करे. केंद्र ने कहा कि वो खाप पंचायत शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगा.

सर्वोच्च कोर्ट का यह फैसला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शक्ति वाहिनी की उस याचिका पर आया है, जिसके तहत एनजीओ ने 'ऑनर किलिंग' की घटनाओं को रोकने, खाप पंचायतों द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन और शादी करने के इच्छुक वयस्कों के सम्मान की रक्षा करने के लिए कहा गया था.

न्यायालय ने जोर दिया कि जाति, पंथ या धर्म कोई भी हो, अगर दो वयस्कों ने विवाह करने का निर्णय लिया है, तो कोई तीसरा पक्ष इसमें दखल नहीं दे सकता है. इससे पहले न्यायालय ने पांच फरवरी को कहा था कि खाप पंचायतें समाज के विवेक रक्षक की तरह काम नहीं कर सकती हैं.

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इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से कानून बनाए जाने तक गाइडलाइन जारी की है.

1. सभी राज्य सरकारें पिछले पांच साल के दौरान जिन गांवों और जिलों में ऑनर किलिंग हुई है उनकी पहचान करें.

2. सभी प्रभावित राज्यों के गृह सचिव इस बारे में संबंधित जिलों के SP को निर्देश दें कि वो उन पुलिस थानों की पहचान कर विशेष ध्यान दें, जहाँ अंतरजातीय विवाह हो रहे हैं.

3. कहीं भी खाप पंचायत होने की सूचना मिलते ही बड़े अधिकारियों के साथ ही SP और DSP को भी सूचित किया जाए.

4. सूचना मिलने के फौरन बाद DCP खाप पंचायत के लोगों से संपर्क करें और अगर शादी (अंतरजातीय) को लेकर पंचायत हो रही है तो उन्हें समझाया जाए. अधिकारी बताएं कि इस विषय पर इस तरह की मीटिंग करने की अनुमति नहीं है. उनको रोकने के लिए पंचायत वाली जगह पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात की जाए.

5. अगर मना करने के बाद भी कोई मीटिंग होती है, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाए और अफसर पूरी पंचायत की वीडियो रिकॉर्डिंग करें.

6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर DSP को भरोसा हो जाए कि समझाने के बाद वो नहीं मानेंगे, तो SDM, SP को सूचित करें ताकि समय रहते हुए धारा 144 लगाई जा सके और धारा 151 के तहत गिरफ्तारी की जा सके.

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7. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस को ये भरोसा हो जाए कि शादी करने वाले जोड़े और परिवार वालों को खतरा हो सकता है, तो तुरंत DM, SDM को सूचित करें ताकि एहतियात के तौर पर कुछ उपाय किया जा सकें.

8. पुलिस के सुरक्षा उपायों के लागू करने के बाद भी खाप पंचायत होती है और पंचायत आदेश जारी करती है, तो पुलिस तुरंत धारा 141, 143, 503 और 506 के तहत FIR दर्ज करे.

9. FIR दर्ज होते ही इसकी सूचना SP, DSP को दी जाए.

10. जोड़े और उनके परिवार वालों को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए. सुरक्षित घर जिले में दिए जाएं. हर जिले में सुरक्षित घर बनाए जा सकते हैं. इन सुरक्षित घरों में वो कपल रहेंगे जिनके शादी के खिलाफ परिवार वाले, पंचायत या दूसरे लोग हैं. ये सुरक्षित घर SP और DM के निगरानी में चलेंगे.

अब इंतजार है कि सरकार कब तक इस बारे में कानून बनाती है. उसमें विधि आयोग की सिफारिशें कितनी शामिल हो पाती हैं.

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