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कारसेवकों पर फायरिंग मामले में मुलायम के खिलाफ केस की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी

 यूपी के राणा संग्राम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने के लिए मुलायम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

मुलायम सिंह मुलायम सिंह
दिनेश अग्रहरि/अनुषा सोनी
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाने के मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है.

यूपी के राणा संग्राम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने के लिए मुलायम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

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राणा संग्राम सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि 6 फ़रवरी 2014 को मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई थी. इस बयान के बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस में मुलायम सिंह के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी. लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया.

इसके बाद उन्होंने लखनऊ की निचली अदालत में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन निचली अदालत ने राहत न देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया. इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने भी 3 मई 2016 को याचिका ख़ारिज कर दी.

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देशहित में चलवाई थी गोली!

लखनऊ में मुलायम सिंह यादव ने पिछले साल अयोध्‍या गोली कांड पर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उस दौरान अगर 16 के बजाए 30 कारसेवकों की भी जान जाती, तब भी वो उससे पीछे न हटते. मुलायम ने कहा कि उनको देश की एकता के लिए अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवानी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि अगर उस समय गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश से विश्वास उठ जाता. इसके साथ ही मुलायम ने कहा कि उस वक्त इस मुद्दे पर सदन में भी उनकी जमकर आलोचना हुई थी, और उन्हें मानवता का हत्यारा कहा जाता था.

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