
सुप्रीम कोर्ट में पिछले 30 दिनों से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर रोजाना सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन की दलील खत्म हुई तो जफरयाब जिलानी ने अपनी बात आगे बढ़ाई. लेकिन रामचबूतरे पर दी गई दलील पर जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट में 24 घंटे के अंदर यू-टर्न ले लिया. सुनवाई के दौरान जफरयाब जिलानी ने अदालत में क्या कहा, यहां जानें..
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?
बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की सुनवाई शुरू हुई तो मुस्लिम पक्ष की ओर से जफरयाब जिलानी ने कहा कि वह रामचबूतरे को भगवान राम का जन्मस्थान नहीं मानते हैं. ये हमने स्वीकार नहीं किया है, बल्कि ये सिर्फ हिंदुओं का विश्वास है. हमने सिर्फ 1886 में दिया गया कोर्ट का आदेश अदालत के सामने रखा था.
सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से कहा गया कि हमारा भी वही स्टैंड है जो राजीव धवन की ओर से रखा गया है. गौरतलब है कि पहले अपनी दलील के दौरान राजीव धवन ने कहा था कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, लेकिन कहां इसका जवाब उनके पास नहीं है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था?
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में राजीव धवन की दलील पूरी हुई तो जफरयाब जिलानी ने अपनी दलीलें शुरू कीं. जफरयाब जिलानी ने जब अदालत में रामानंदचार्य, रामभद्राचार्य का जिक्र किया तो कोर्ट में जस्टिस बोबड़े ने उनसे पूछा था कि आपका विवाद सिर्फ जन्मस्थान का है? जिस पर जिलानी ने मंजूरी दी थी, इसके बाद जब जस्टिस बोबड़े ने जफरयाब जिलानी से पूछा था कि क्या आप राम चबूतरे को जन्मस्थान मानते हैं, तो जिलानी ने हां में जवाब दिया था.
अदालत में जफरयाब जिलानी ने कहा था कि 1886 में जिला जज ने भी अपने फैसले में रामचबूतरा को जन्मस्थान मानते हुए वहां पूजा करने की इजाज़त दी थी. लेकिन अब उन्होंने अपने इस बयान से यू-टर्न लिया है.