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अयोध्या मामले की सुनवाई SC की नई बेंच को, 29 अक्टूबर से सुनवाई

अयोध्या मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और सहयोगी जज जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच 29 अक्टूबर से करेगी. नई बेंच अब नए सिरे से सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा/देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

अयोध्या मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच करेगी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और सहयोगी जज जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच 29 अक्टूबर से करेगी. नई बेंच अब नए सिरे से सुनवाई करेगी. पिछली बेंच में  चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ अब्दुल नज़ीर और अशोक भूषण थे.

इससे पहले बेंच ने 2:1 के बहुमत से फैसला दिया था कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है.

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इसके साथ ही बेंच ने कहा था कि 1994 का इस्माइल फारुखी फैसला सिर्फ जमीन अधिग्रहण को लेकर था. संविधान पीठ ने कहा था कि जमीनी विवाद से इसका लेना देना नहीं इसलिए सिविल मामले की सुनवाई होगी.

हालांकि जस्टिस नजीर ने इससे असहमति जताते हुए कहा था कि संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार हो. जस्टिस मिश्रा तीन अक्टूबर को रिटायर हो चुके हैं. अब ये नई पीठ बनाई गई है.

बता दें कि अयोध्या में कारसेवकों ने 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने 7 जनवरी, 1993 को अध्यादेश लाकर अयोध्या में 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था. इसके तहत विवादित जमीन का 120x80 फीट हिस्सा भी अधिग्रहित कर लिया गया था जिसे बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि परिसर कहा जाता है.   

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केंद्र सरकार के इसी फैसले को इस्माइल फारूकी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा था कि धार्मिक स्थल का सरकार कैसे अधिग्रहण कर सकती है. इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.

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