Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में आएंगे चार नए जज, कोलेजियम ने सरकार को भेजी सिफारिश

जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के रिटायर होने और जजों के नए पद सृजित होने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चार नए जज नियुक्त होंगे. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 4 नए जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेज दी है. कानून और न्याय मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगले दो-तीन दिनों में ही सरकार इस पर निर्णय लेकर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को जानकारी दे देगी.

सुप्रीम कोर्ट (ANI) सुप्रीम कोर्ट (ANI)
अनीषा माथुर/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST

सुप्रीम कोर्ट को अगले कुछ दिनों के अंदर नए जज मिलने की उम्मीद है. जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के रिटायर होने और जजों के नए पद सृजित होने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चार नए जज नियुक्त होंगे. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 4 नए जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेज दी है अब इस पर केंद्र सरकार को फैसला करना है. 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने अपनी मीटिंग में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राम सुब्रमण्यन, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी, राजस्थान हाई कोर्ट के आर रविंद्र भट्ट और केरल हाई कोर्ट से हृषिकेश रॉय के नाम की सिफारिश सरकार को भेज दी है. कानून और न्याय मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगले दो-तीन दिनों में ही सरकार इस पर निर्णय लेकर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को जानकारी दे देगी. जस्टिस एएम सप्रे 27 अगस्त को रिटायर हो गए.

सुप्रीम कोर्ट में 34 होंगे जज

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 31 से बढ़ाकर 34 करने के विधेयक पर हस्ताक्षर किया था. राष्ट्रपति कोविंद के हस्ताक्षर के बाद इस संबंध में 12 अगस्त को राजपत्र भी जारी कर दिया गया. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत कुल जजों की संख्या 34 होगी.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 10 फीसद बढ़ाए जाने का विधेयक संसद ने पिछले दिनों पारित कर दिया था. इस विधेयक में चूंकि जजों की बढ़ी हुई संख्या के मुताबिक सरकारी खजाने से धन आवंटित कराना भी था, इस कारण वित्त विधेयक के रूप में भी संसद की दोनों सदनों से पारित भी करवाना पड़ा. दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था.

इस बिल के मुताबिक 3 अतिरिक्त जजों की बहाली के बाद राजकोष पर सालाना छह करोड़ 81 लाख 54 हजार 528 रुपये का बोझ बढ़ेगा. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को भेजे पत्र में सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट्स समेत सभी अदालतों में मुकदमों के लगातार बढ़ते बोझ को कम करने के लिए जजों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया था. इसके बाद सरकार ने जजों की कुल संख्या में 10 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दी थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement