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गैरकानूनी बालू खनन पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और पांच राज्यों को नोटिस

गैरकानूनी बालू खनन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पांच राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केंद्र सरकार, पर्यावरण मंत्रालय और सीबीआई को नोटिस जारी किया है. एम अलगरस्वामी को ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि इन राज्यों में बिना पर्यवारण की मंजूरी के बालू का खनन हो रहा है. याचिका में मांग की गई कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

गैरकानूनी बालू खनन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पांच राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केंद्र सरकार, पर्यावरण मंत्रालय और सीबीआई को नोटिस जारी किया है. एम अलगरस्वामी को ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि इन राज्यों में बिना पर्यवारण की मंजूरी के बालू का खनन हो रहा है. याचिका में मांग की गई कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

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देश में अवैध बालू खनन से नदियों के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीबीआई और पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है और उनका जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका में अवैध बालू खनन के धंधे में लिप्त संगठनों और लोगों के सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. जस्टिस एस ए बोबदे की खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र, सीबीआई, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश को नोटिस भेजा है. इस याचिका में कहा है कि बदस्तूर अवैद खनन से पर्यावरण से जुड़े संकट पैदा हो रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर बहस के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और प्रणव सचदेवा ने अदालत को कहा कि कई राज्यों में पर्यावरण से जुड़े नियमों की अनदेखी करते हुए, बिना स्थानीय सरकार की मंजूरी के बालू का अवैध खनन किया जा रहा है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि अदालत की ओर से सुप्रीम कोर्ट को निर्देश दिया जाए और याचिका के साथ संलग्न बालू खनन घोटालों की जांच की जाए.

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