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महाराष्ट्र के सियासी संकट में अब SC की एंट्री, 3 जजों की बेंच आज करेगी सुनवाई

महाराष्ट्र में नई सरकार का विवाद अब देश की सर्वोच्च अदालत पहुंच गया है, जिस पर रविवार को सुनवाई होगी. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. तीनों पार्टियों ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 154 विधायकों के समर्थन का दावा किया और रविवार को फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
संजय शर्मा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

  • जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच करेगी सुनवाई
  • शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 154 विधायकों के समर्थन का किया दावा
  • तीनों दलों ने अपनी याचिका में रविवार को फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की

महाराष्ट्र में नई सरकार का मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने याचिका दाखिल करके महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था. सुप्रीम कोर्ट तीनों दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. अब रविवार को मामले में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेगी. यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 2 में रविवार सुबह 11:30 बजे होगी.

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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 154 विधायकों के समर्थन का दावा भी किया. तीनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि अदालत जल्द से जल्द और संभव हो तो रविवार को ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट का निर्देश दे. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि बहुमत उद्धव ठाकरे के पास है या देवेंद्र फडणवीस के पास.

सुप्रीम कोर्ट से अपील- कल फ्लोर टेस्ट का दिया जाए निर्देश

इस अपील में मांग की गई कि अदालत कर्नाटक मामले की तरह महाराष्ट्र के राज्यपाल से देवेंद्र फडणवीस को निमंत्रण देने और समर्थन पत्र समेत सारा रिकॉर्ड अदालत के सामने रखने को कहा जाए. तीनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि महाराष्ट्र विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाए और तुरंत फ्लोर टेस्ट कराया जाए. साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए. तीनों दलों ने यह भी कहा कि फ्लोर टेस्ट डिवीजन ऑफ वोट के जरिए हो, न कि ध्वनिमत से.

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सुप्रीम कोर्ट से याचिका में यह भी अपील की गई कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को आदेश दिया जाए कि वो एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें. इस याचिका को दाखिल करने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के वकील शनिवार शाम ड्यूटी रजिस्ट्रार के घर भी पहुंचे थे. अब सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना समेत तीनों दलों की याचिका को मंजूरी कर लिया गया है.

दिल्ली से बाहर हैं चीफ जस्टिस बोबडे

वहीं, चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भी दिल्ली से बाहर हैं. बताया जा रहा है कि तिरुपति दर्शन के लिए गए हैं. इसके अलावा वकील याचिका दाखिल करने के लिए सीधे चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के घर नहीं जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में रजिस्ट्रार के जरिए ही याचिका दाखिल की जाती है.

इसके अलावा महाराष्ट्र में नए ताजा घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी अहमदाबाद से दिल्ली लौट रहे हैं. वहीं, शनिवार शाम सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत के साथ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुरजेवाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने याचिका में महाराष्ट्र की नाजायज फडणवीस सरकार को बाहर करने की अपील की है.

महाराष्ट्र के राज्यपाल पहुंचे दिल्ली

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वहीं, देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शनिवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए. वो राष्ट्रपति भवन में होने वाली गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे. अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सोमवार को मुंबई के लिए वापस रवाना होंगे.

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