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पॉक्सो कोर्ट को लेकर SC सख्त, राज्य सरकारों को लगाई फटकार

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें कोर्ट के आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं, जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो कोर्ट और विशेष वकील की नियुक्ति होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

  • जहां 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, वहां कोर्ट बनाने का आदेश
  • 300 से ज्यादा मामले वाले जिले में 2 पॉक्सो कोर्ट बनाने का आदेश

पॉक्सो (POCSO) कोर्ट को लेकर राज्य सरकारों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें कोर्ट के आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं, जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो कोर्ट और विशेष वकील की नियुक्ति की जाए.

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सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को कहा कि फरवरी तक जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन करें. जहां केवल बच्चों से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई होगी. वहीं, 300 से ज्यादा मामले वाले जिलों में 2 विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाएं.

इससे पहले रेप और पॉक्सो के मामलों में जल्दी कार्रवाई के लिए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखी गई.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों से अपील की गई है कि रेप और पॉक्सो के मामलों में जांच 2 महीने में पूरी की जाए. वहीं हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से अपील की गई है कि इन मामलों में ट्रायल 6 महीने में पूरा कराया जाए. अभी देश में 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट चल रहे हैं, जबकि 1023 नए कोर्ट खोले जा रहे हैं.

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