
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा चीफ सुब्रत राय को 7 जुलाई तक 1500 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए हैं. सुब्रत पर निवेशकों का पैसा न लौटाने का आरोप है. जिसके खिलाफ बाजार नियामक संस्था (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एंबी वैली की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. कोर्ट ने एंबी वैली की नीलामी को लेकर अगली सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तारीख दी है.
सुब्रत राय की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि 247 करोड़ रुपए जमा करा दिए गए हैं. जबकि बाकी 305.21 करोड़ 12 अगस्त तक जमा करा दिया जाएगा. बता दें कि सहारा प्रमुख ने 15 जुलाई तक 552.21 करोड़ रुपए जमा कराने का वादा किया था. हालांकि पीठ ने कहा कि सुब्रत राय को सात सितंबर तक 1500 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे, जिसमें 305.21 करोड रूपए की धनराशि भी शामिल है.
10 अक्टूबर तक बढ़ाई परोल
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही सुब्रत राय की परोल को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने 10 अक्टूबर तक परोल बढ़ा दी है. सुब्रत राय 6 मई से परोल पर हैं. वहीं तीन सदस्यीय पीठ बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा कि वह सहारा की एंबी वैली नीलामी की प्रक्रिया आगे बढ़ाएं.
बता दें कि निवेशकों का बकाया लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में सेबी की याचिका पर सुनवाई करते हुए एंबी वेली की नीलामी के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को संपत्ति की नीलामी की देखरेख करने के लिए कहा था. सितंबर 2012 में एंबी वैली की कीमत लगभग 34,000 करोड़ रुपये तक आंकी गई थी.
बीते पांच जुलाई को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को 552.21 करोड़ की राशि का भुगतान 15 जुलाई तक करने की चेतावनी दी थी. राय ने इससे पहले कोर्ट से कहा था कि वह 15 जून तक 1500 करोड़ और इसके ठीक एक महीने बाद 552.22 करोड़ का भुगतान करेंगे.
सुब्रत राय इसी मामले में करीब दो साल तक जेल में बंद रहे थे और इसके बाद पिछले साल 6 मई से वह परोल पर हैं. न्यायालय ने राय की मां के निधन की वजह से उन्हें परोल पर रिहा किया ताकि वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें. इसके बाद से ही उनकी परोल की अवधि बढ़ाई जा रही है.
बता दें कि सहारा ग्रुप तय वक्त पर निवेशकों का पैसा नहीं लौटा पाया था. जिसके बाद ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय समेत दो अन्य निदेशकों रविशंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को गिरफ्तार किया गया था. सहारा ग्रुप को 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये का रिफंड करने के आदेश दिए गए थे.