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देश में ही विमानों के विनिर्माण के लिए साझेदारों की तलाश: सुरेश प्रभु

नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि देश में विमानन बाजार तेजी से बढ़ना शुरू हो चुका है। ऐसे में देश स्थानीय स्तर पर ही विमानों के विनिर्माण के लिए साझेदारी के लिए उत्सुक है।

सुरेश प्रभु( PTI फाईल फोटो) सुरेश प्रभु( PTI फाईल फोटो)
aajtak.in
  • बेंगलुरू,
  • 20 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि देश में विमानन बाजार तेजी से बढ़ना शुरू हो चुका है. ऐसे में देश स्थानीय स्तर पर ही विमानों के विनिर्माण के लिए साझेदारी के लिए उत्सुक है.

सुरेश प्रभु द्विवार्षिक एरो इंडिया शो के उद्घाटन पर गये थे जहां उन्होने निवेशकों से बात करते हुये कहा कि "भारत का विमानन बाजार अब तेजी से बढ़ रहा है पहले हमारे पास सीमित हवाई अड्डे और हवाई संपर्क भी सीमित था, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 103 तक पहुंच गई है जिससे हम ये कह सकते हैं कि अब हमारे पास ज्यादा हवाई अड्डे हैं."

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इस दौरान उन्होने आगे कहा कि अगले 15 साल में 100 और हवाईअड्डे विकसित करेंगे जिसकी कुल किमत 65 अरब डॉलर होगी.

सुरेश प्रभु ने विमानन मंत्रालय की क्षेत्र को लेकर उसकी समग्र रणनीति की चर्चा करते हुये कहा कि मंत्रालय ने दृष्टिकोम 2040 पेश किया है और इसे पूरा करने के लिए देश को 2,300 विमानों की जरूरत है.

प्रभु ने आगे कहा," हम भारत में विमानों के विनिर्माण के लिए साझेदारी करने के इच्छुक हैं, इसे पूरा करने के लिए हम इसके लिए कार्रवाई योजना, दृष्टि और रुपरेखा ला रहे हैं."

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सरकार ने एक हवाई मालवहन नीति पेश की है.

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