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चीनी सामान के खिलाफ स्वदेशी जागरण मंच का मेगा प्लान

मंच की तरफ से दलील दी गई है कि चीनी माल की वजह से भारत में उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं, जबकि चीन अपने यहां सब्सिडी देकर, किसानों और मजदूरों का शोषण करके सस्ता माल भारत भेज रहा है.

स्वदेशी जागरण मंच की योजना स्वदेशी जागरण मंच की योजना
सुरभि गुप्ता/कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

भूटान की सीमा पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. सरकारों के बीच भी बयानों की जंग जारी है, लेकिन इस बीच संघ परिवार से जुड़े संगठनों ने बाजार से चीन के पैर उखाड़ने के लिए मेगा प्लान तैयार किया है. 1 से 15 अगस्त तक चीनी सामान के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और 29 अक्टूबर को रामलीला मैदान में चीनी सामान के बहिष्कार के लिए एक मेगा रैली होगी. चीनी सामान के बहिष्कार के इस अभियान को आर्मी के नाम के साथ ही देशभक्ति से जोड़कर चलाने की योजना है, जिससे चीनी सामान के खिलाफ एक भावनात्मक माहौल भी बनाया जाए.

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चीनी सामान के बहिष्कार का मेगा प्लान

स्वदेशी जागरण मंच एक अगस्त से 15 अगस्त के बीच एक मेगा कैंपेन चलाएगी, जिसमें घर-घर जाकर पर्चे बांटे जाएंगे और लोगों को बताया जाएगा कि चीनी सामान का बहिष्कार क्यों जरूरी है और चीनी सामान से भारतीय व्यापार को कितना नुकसान हो रहा है. स्वदेशी जागरण मंच ने अपनी प्रचार सामग्री में एक सैनिक की तस्वीर छापी है, जिसमें कहा गया है, 'मैं सीमा में चीन को नहीं घुसने दूंगा, तुम बाजार में चीन को मत आने देना.' मतलब इस कैंपेन में देशभक्ति के जरिए भी चीन के सामान का बहिष्कार करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है.

चीन की वजह से भारत को घाटा

स्वदेशी जागरण मंच ने चीनी सामान के बहिष्कार को राष्ट्रीय दायित्व करार दिया है और लोगों से अभियान के दौरान अपील की जाएगी कि वो चीनी सामान का बहिष्कार करके अपने दायित्व को पूरा करें. स्वदेशी जागरण मंच ने अपने प्रचार के पर्चों में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के दस कारण भी गिनाए हैं. इनमें कहा गया है कि भारतीय बाजार पर चीन के हावी होने से 3425 अरब रुपए का घाटा भारत को हो रहा है. साथ ही दलील दी गई है कि भारत के कुल विदेशी मुद्रा घाटे का 41 फीसदी चीन की वजह से हो रहा है.

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भारत की राह में रोड़ा बना चीन

मंच की तरफ से दलील दी गई है कि चीनी माल की वजह से भारत में उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं, जबकि चीन अपने यहां सब्सिडी देकर, किसानों और मजदूरों का शोषण करके सस्ता माल भारत भेज रहा है. अभियान के लिए बनाए गए पर्चे में लिखा है कि चीन पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने के लिए हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहयोग कर रहा है. साथ ही भारत को न्यूक्लीयर एनर्जी सप्लायर ग्रुप में शामिल करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है.

बीजेपी की भूमिका

चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान में यूं तो बीजेपी का किसी भी प्रचार सामग्री पर नाम नहीं है, लेकिन रणनीति से लेकर मानव संसाधन तक बीजेपी के जिम्मे है. पर्दे के पीछे से बीजेपी ही इस पूरे अभियान को चलाएगी. दिल्ली में चीनी सामान के बहिष्कार की रणनीति बनाने के लिए प्रदेश के दफ्तर में दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में बैठक हुई. इसमें बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरा प्लान समझाया गया. साथ ही सभी जिला इकाइयों को चीनी सामान के बहिष्कार की प्रचार सामग्री बांटी गई है. जिसे लेकर कार्यकर्ता अब घर-घर जाएंगे. हालांकि कोई भी बीजेपी नेता कैमरे पर इस प्लान के बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हुआ. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर होने वाले अभियान में पार्टी की भूमिका से जुड़े सवाल को टाल गए. लेकिन प्रचार सामग्री लेकर जा रहे कार्यकर्ताओं के मुताबिक उन्हें पार्टी की तरफ से अभियान में तैनात किया गया है. स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े अश्वनी महाजन ने भी चीनी सामान के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की पुष्टि की है.

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