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तूतीकोरिन: प्लांट से 10KM दूर इस गांव के हर घर में है कैंसर पीड़ित

पिछले कुछ साल में यहां पर 36 कैंसर के केस सामने आए हैं. गांव के लगभग हर घर में कैंसर का मरीज मौजूद है. इसी गांव के रहने वाले रुबन बताते हैं कि उनके पिता ने कैंसर की वजह से अपनी जान गंवाई.

स्टरलाइट का प्‍लांट (File) स्टरलाइट का प्‍लांट (File)
अक्षया नाथ
  • तूतीकोरिन, तमिलनाडु ,
  • 01 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में बीते दिनों स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद प्लांट का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था, जिस जगह ये फैक्ट्री है उसी से करीब 10 किलोमीटर दूर अथिमरापत्ति गांव में पिछले कई सालों से कैंसर का कहर है, जिसके कारण कई गांव वाले अपनी जान गंवा चुके हैं.

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पिछले कुछ साल में यहां पर कैंसर के 36 मामले सामने आए हैं. गांव के लगभग हर घर में कैंसर का मरीज मौजूद है. इसी गांव के रहने वाले रुबन बताते हैं कि उनके पिता ने कैंसर की वजह से अपनी जान गंवाई. उन्होंने बताया कि उनके पिता ना तो शराब पीते थे और ना ही गुटखा-पान मसाला खाते थे. रुबन ने बताया कि हम जो पहले पानी पीते थे, वह सादा होता था, जिसमें प्लांट का पानी आकर मिक्स हो जाता था, लेकिन अब हम हमेशा फिल्टर वाला पानी ही पीते हैं.

इसी तरह वीरमाचंद्र भूपति ने बताया कि काफी समय पहले उन्होंने अपनी पत्नी को कैंसर के कारण खो दिया था. जब हमें उनके कैंसर के बारे में पता लगा तो हम काफी डर गए थे. उनकी मौत के बाद भी गांव में कैंसर के कई केस सामने आए थे. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की कैंसर की वजह सिर्फ खराब पानी और दूषित हवा थी.

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उन्होंने बताया कि पहले उनके गांव में केले की खेती काफी अच्छी होती थी, यहां तक की केरल तक उनके गांव के केले जाते थे, लेकिन प्लांट लगने के बाद गांव का पानी पूरी तरह से बदल गया, क्योंकि पानी पूरी तरह से बदल चुका था.

2008 में तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज की एक रिसर्चर टीम ने बताया था कि प्लांट के कारण आस-पास के 5-10 किलोमीटर का क्षेत्र प्रभावित हो रहा है, जिसका असर पानी और हवा पर भी पड़ रहा है. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने स्टरलाइट प्लांट पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था, लेकिन काम चालू रखने का निर्देश दिया था. इस पैसे का उपयोग इलाके के प्रदूषण को सुधारने के लिए किया जाना था.

बता दें, तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले तीन महीनों से जारी विरोध प्रदर्शन 22 मई को अचानक उग्र हो गया. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन पर फायरिंग की थी. इस पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस मामले में हंगामा बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने स्टरलाइट प्लांट का लाइसेंस रद्द कर दिया.

तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग की जांच 4 जून से शुरू होगी. इसकी जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. मद्रास हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन इस मामले की जांच करेंगी.

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