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तमिलनाडु कैबिनेट ने राजीव गांधी के सात हत्यारों को रिहा करने की सिफारिश की

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पुत्र और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई मौकों पर कह चुके हैं कि दोषियो की रिहाई पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, हाल ही में विदेश दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि जब उन्हें पता चला कि उनके पिता को मारने वाले (प्रभाकरण) की मौत हो गई तो उन्हें दुख हुआ था.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (फाइल फोटो) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (फाइल फोटो)
विवेक पाठक
  • चेन्नई,
  • 09 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

तमिनाडु मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 7 दोषियों को समय से पहले रिहा करने की सिफारिश राज्यपाल से की है.

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए तमिलनाडु सरकार के मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार सभी आरोपियों के आजीवन कारावास की सजा समय पूर्व समाप्त करने की सिफारिश की है जिसे स्वीकृति के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा.

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वहीं तमिलनाडु सरकार के इस फैसले का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री तिरुनावुकारसर ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही दोषियों की रिहाई का विरोध कर चुकी है. राज्यपाल को केंद्र सरकार के रुख पक्ष में हिसाब से निर्णय लेना चाहिए. यदि वे रिहा हुए तो गलत संदेश जाएगा.

बता दे कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषी पिछले 27 साल से जेल में बंद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने 2014 में सभी दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया था. जिसका केंद्र सरकार ने विरोध किया था.   

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार दिए गए ए जी पेरारीवलन की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल से विचार करने के लिए कहा था. जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिसके एम जोसफ की एक पीठ ने अभियुक्तों की रिहाई के संबंध में एक प्रस्ताव से जुड़ी केंद्र की याचिका को निस्तारित किया था.

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केंद्र सरकार ने किया था विरोध

केंद्र ने 10 अगस्त को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात दोषियों को बरी करने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है. केंद्र ने कहा था कि उनकी सजा में कटौती से खतरनाक नजीर पेश होगी और इसका अंतरराष्ट्रीय असर होगा. वहीं पेरारीवलन ऊर्फ अरीवू (47) की तरफ से 20 अगस्त को शीर्ष अदालत में बताया गया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष उसके द्वारा दायर दया याचिका पर दो साल से ज्यादा वक्त हो जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ है.

बता दें कि पेरारीवलन पर नौ वोल्ट की बैटरी की आपूर्ति का आरोप था जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर उस बेल्ट बम को बनाने के लिये किया गया था जिससे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 14 अन्य की हत्या हुई. तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली में आत्मघाती महिला हमलावर ने धमाका कर राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.

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