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RK नगर उपचुनाव‌: जयललिता की सीट पर निर्दलीय दिनाकरण जीते

सूबे में बड़े सियासी उलटफेर के बीच हो रहा ये चुनाव जहां डीएमके और एआईएडीएमके के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, वहीं दिनाकरण की साख भी इस चुनाव से जुड़ी है.

सुबह 8 बजे से काउंटिंग सुबह 8 बजे से काउंटिंग
जावेद अख़्तर
  • चेन्नई,
  • 24 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

तमिलनाडु की चर्चित आरके नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय विधायक टीटीवी दिनाकरण जीत गए हैं. दिनाकरण को 89,013 वोट मिले हैं, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एआईएडीएमके के ई मधुसूदनन को 48,306 वोट मिले हैं. इससे पहले 18वें राउंड की गिनती में दिनाकरण को 86472 वोट, एडीएमके को 47115, डीएमके को 24075 और बीजेपी को महज 1236 वोट मिले थे. इससे पहले ही दिनाकरण ने दावा किया था कि मैं नाम के लिए निर्दलीय कैंडिडेट हूं लेकिन पार्टी (एआईएडीएमके) के सभी कार्यकर्ता मेरे साथ हैं. साथ ही अम्मा का आशीर्वाद भी मेरे साथ है.

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बता दें कि चेन्नई की ये सीट पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद खाली हुई थी, जिस पर 21 दिसंबर को उपचुनाव कराया गया. ये चुनाव दो धड़ों में बंटी एआईएडीएमके के लिए साख का सवाल बन गया है. वहीं, डीएमके उनके टकराव को भुनाने की कोशिश में है. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू हो गई थी.

12वें राउंड की गिनती में टीटीवी दिनाकरण को 60284 वोट मिले जबकि AIADMK को 30745 यानी दिनाकरण की तुलना में लगभग आधे वोट ही मिले वहीं डीएमके को 15918 वोट मिले. इससे पहले 11वें राउंड की गिनती में टीटीवी दिनाकरण को 54,316 वोट AIADMK को 27,737 और डीएमके को 14,431 वोट मिले. यानी 11वें राउंड की गिनती के बाद दिनाकरण लगभग 20 हजार से भी ज्यादा वोटों से आगे चल रहे थे.

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वोटों की गिनती के बीच सुबह 10.30 बजे टीटीवी दिनाकरण और सत्तारूढ़ एआईएडीएमके (AIADMK) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए, जिसके बाद गिनती रोकनी पड़ी और दरवाजे बंद किए गए. दिनाकरण के सपोर्टरों का कहना है कि AIADMK के कार्यकर्ता क्वींस मेरी सेंटर में घुस आए और उन पर हमला किया, जिसमें 4 लोगों को सिर पर चोट लगी है. साथ ही कहा कि AIADMK कार्यकर्ता वहां कुर्सियां उठाकर फेंकने लगे और उन्होंने ईवीएम मशीन तोड़ने की भी कोशिश की.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दिनाकरण की बढ़त पर जताई खुशी

बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि दिनाकरण जीत की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि AIADMK के दोनों गुट 2019 लोकसभा चुनाव एक साथ आकर लड़ेंगे.

बता दें कि उपचुनाव में 59 प्रत्याशी अखाड़े में हैं लेकिन मुख्य रूप से मुकाबला मधुसूदनन, मरूथुगनेश और टीटीवी दिनाकरण के बीच है. यहां रिकॉर्ड 77% मतदान हुआ था.

कांग्रेस, वीसीके और वाम दलों समेत कई विपक्षी दलों ने डीएमके उम्मीदवार एन मरूथुगणेश को अपना समर्थन दिया है. वहीं शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. एआईएडीएमके की तरफ से ई मधुसूदनन प्रत्याशी हैं.

सूबे में बड़े सियासी उलटफेर के बीच हो रहा ये चुनाव जहां डीएमके और एआईएडीएमके के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, वहीं दिनाकरण की साख भी इस चुनाव से जुड़ी है.

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दरअअसल, पिछले साल दिसंबर में जयललिता की मौत के बाद शशिकला को AIADMK की कमान सौंपी गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के केस में दोषी करार दिए जाने के बाद उनका पत्ता कट गया और पलानीसामी ने पन्नीरसेल्वम के साथ मिलकर पार्टी पर वर्चस्व स्थापित कर लिया. इतना ही नहीं पार्टी पर आधिपत्य की लड़ाई के बीच शशिकला के भतीजे दिनाकरण को AIADMK से दरकिनार कर दिया गया.

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