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राजनीति की ओर रजनीकांत के बढ़ते कदम, त्रिची बैठक में उमड़ी प्रशंसकों की भीड़!

व्यावसायिक रूप से बेहद सफल अभिनेताओं में से एक रजनीकांत ने कभी चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन उनके चाहने वाले उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और उनके राजनीतिक मेंटर रहे एमजी रामचंद्रन राजनीति में आने और मुख्यमंत्री बनने से पहले कद्दावर अभिनेता थे.

त्रिची में बैठक स्थल पर लगा रजनीकांत का पोस्टर त्रिची में बैठक स्थल पर लगा रजनीकांत का पोस्टर
नंदलाल शर्मा
  • त्रिची ,
  • 20 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

दक्षिणी तमिलनाडु के शहर में त्रिची में रविवार की शाम तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत के फैन्स का सैलाब उमड़ पड़ा है. ये सैलाब रजनीकांत के तमिल राजनीति में उतरने की आहट लिए हैं, लेकिन तस्वीर अभी साफ नहीं है. लेकिन एक भविष्य के गर्भ में क्या इसकी हल्की झलक मिल रही है.

गांधिया मक्काल इयाक्कम (गांधीवादी जन आंदोलन) के संस्थापक तमिलारुवी मनियन को इस बैठक से बड़ी उम्मीदें हैं. बता दें कि तमिलारुवी मनियन ही इस बैठक के आयोजनकर्ता है.

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एमजी रामचंद्रन की तरह है रजनीकांत का बेस

उनका मानना है कि रजनीकांत के चाहने वालों का आधार पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन की तरह ही है और आज की बैठक इस बात का सबूत है कि तमिलनाडु में रजनीकांत के पास किस तरह का समर्थन है.

उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि बड़ी संख्या में लोग आज यहां आएं और यह सब रजनीकांत के लिए है. अगर वो इस तरह की बैठक करना चाहते हैं, तो यहां मानवता का सागर उमड़ पड़ेगा.

रजनीकांत के चाहने वालों की यह बैठक इस विषय पर बुलाई गई है कि तमिल फिल्मों के सुपरस्टार को राजनीति में क्यों नहीं आना चाहिए.

भगवान की तरह पूजे जाते हैं रजनीकांत

व्यावसायिक रूप से बेहद सफल अभिनेताओं में से एक रजनीकांत ने कभी चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन उनके चाहने वाले उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और उनके राजनीतिक मेंटर रहे एमजी रामचंद्रन राजनीति में आने और मुख्यमंत्री बनने से पहले कद्दावर अभिनेता थे.

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तमिलारुवी ने कहा कि रजनीकांत तमिल इतिहास के दो अन्य दिग्गजों अन्नादुरई और कामराज की ओर देखते हैं. वे उनकी तरह पार्टी चलाना चाहते हैं और सादा जीवन बिताना चाहते हैं.

'ईश्वर की मर्जी पर आऊंगा राजनीति में'

इसी महीने मई में रजनीकांत ने उन अटकलों को हवा दी थी जब अपने फैन्स को संबोधित करते हुए कहा था कि ईश्वर की इच्छा पर ही वे राजनीति में आएंगे. बाद में उन्होंने कहा था कि राजनीति में आने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है.

पिछले कुछ समय से मीडिया रजनीकांत के हर कदम पर निगाह रख रही है. खास तौर पर प्रमुख राजनेताओं और प्रतिनिधियों से मुलाकात पर सबकी नजर है.

रजनीकांत के आलोचक हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी

हालांकि दक्षिण भारत में बीजेपी के प्रमुख नेताओं में से एक सुब्रह्मण्यम स्वामी रजनीकांत की कड़ी आलोचना करते हैं. जून महीने में आजतक से बातचीत में स्वामी ने कहा था कि रजनीकांत सियासत के लिए अनफिट व्यक्ति हैं. बीजेपी नेता ने कहा था कि अगर रजनीकांत राजनीति में आते हैं तो कई चीजों से पर्दा उठेगा जो उनके ठीक नहीं होगी.

गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत से मुलाकात की थी. हालांकि रजनीकांत राजनीति से दूर ही रहे. हाल ही में उन्हें राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के एक कार्यक्रम में भी देखा गया.

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