
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर एनडीए से अलग होने के बाद आज तेलुगु देशम पार्टी चीफ चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में हैं. आंध्र के मुख्यमंत्री नायडू मंगलवार सुबह संसद पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया. इसके बाद नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंदाज में संसद की चौखट को नमन करते हुए अंदर दाखिल हुए.
संसद के सेंट्रल हॉल में नायडू ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी समेत सभी विपक्षी दलों के सांसदों से मुलाकात की. नायडू इस दौरान एनडीए में सहयोगी दलों के सांसदों से भी मिले.
आंध्र के सीएम नायूड ने टीएमसी सांसद संदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओब्रायन से मुलाकात की. साथ ही वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, एनसीपी के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, तारिक अनवर और के.सी वेणुगोपाल से भी मिले. यहां नायडू तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता जीतेंद्र रेड्डी और टीआरएस प्रमुख केसीआर की बेटी और सांसद के. कविता से भी मिले.
इन सांसदों से मिले नायडू
शरद पवार- एनसीपी
फारूक अब्दुल्ला- नेशनल कॉन्फ्रेंस
सौगत राय- तृणमूल कांग्रेस
सुप्रिया सुले- एनसीपी
ज्योतिरादित्य सिंधिया- कांग्रेस
जितेंद्र रेड्डी- तेलंगाना राष्ट्र समिति
वीरप्पा मोइली- कांग्रेस
राजीव सातव- कांग्रेस
अनुप्रिया पेटल- अपना दल
हरसमिरत कौर बादल- शिरोमणि अकाली दल
तारिक अनवर- एनसीपी
रामगोपाल यादव- समाजवादी पार्टी
डी राजा- सीपीआई
के.सी. वेणुगोपाल- एआईएडीएमके
सुदीप बंदोपाध्याय- टीएमसी
इनके अलावा चंद्रबाबू ने बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी से भी मुलाकात की. हालांकि, वो इनके अलावा किसी और बीजेपी सांसद से नहीं मिले.
बताया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष का समर्थन जुटाने के लिए यहां पहुंचे हैं. मंगलवार सुबह उन्होंने इस संबंध में अपने पार्टी सांसदों के साथ बैठक की और बजट सत्र के शेष दिनों में रणनीति पर रूपरेखा तैयार की.
क्या है थर्ड फ्रंट की कोशिश?
हालांकि, नायूड के इस दौरे को विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. हाल में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली पहुंचकर गैर-बीजेपी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी. उन्होंने कांग्रेस से भी तीसरे मोर्चे को समर्थन देने की अपील की है. दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और ममता बनर्जी ने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस फ्रंट के गठन की कोशिश कर रहे हैं.
विशेष राज्य के दर्जे पर हुई अलग
हालांकि, टीडीपी और बीजेपी में दूरियों की वजह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिया जाना है. टीडीपी बीजेपी के साथ केंद्र सरकार में शामिल थी. वो लगातार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए इस मांग को पूरा करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया.
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
एनडीए से अलग होने के बाद टीडीपी सांसद मौजूदा सत्र में लगातार इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं. टीडीपी सांसदों के विरोध के चलते पिछले कई दिनों से सदन की कार्यवाही नहीं हो पाई है. मौजूदा सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कई बार नोटिस दिया चुका है, लेकिन अब तक इस पर सुनवाई का मौका भी नहीं आया है. ऐसे में नायडू विपक्षी दलों का समर्थन हासिल कर अपनी इस मांग को सदन में पुरजोर तरीके से उठाने के लिए कोशिश कर रहे हैं.