TDP नेता और मोदी सरकार के पूर्व मंत्री को राहत, गिरफ्तारी पर रोक

हाल ही में ईडी ने वाई एस चौधरी को पेश होने के लिए समन जारी किया था. बहरहाल गिरफ्तारी पर भले ही रोक लग गई हो, लेकिन कोर्ट ने चौधरी से कहा है कि वह दस्तावेजों के साथ 3 दिसंबर को ईडी के सामने हो पेश हों.

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वाई. एस. चौधरी (फोटो-आजतक) वाई. एस. चौधरी (फोटो-आजतक)
पूनम शर्मा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) नेता और कुछ वक्त पहले तक केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे वाई. एस. चौधरी को दिल्ली हाई कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिल गई है. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए ईडी से कहा है कि उनके खिलाफ अभी किसी तरह की कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए.

हाल ही में ईडी ने वाई एस चौधरी को पेश होने के लिए समन जारी किया था. गिरफ्तारी पर भले ही रोक लग गई हो, लेकिन कोर्ट ने चौधरी से कहा है कि वह दस्तावेजों के साथ 3 दिसंबर को ईडी के सामने हो पेश हों.

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वाई. एस. चौधरी को ईडी ने बैंक लोन से जुड़ी आर्थिक अनियमितताओं को देखते हुए पेश होने के लिए कहा था. लेकिन ईडी के समन को चौधरी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. चौधरी की तरफ से कहा गया कि यह उन्हें संसद जाने से रोकने की बीजेपी की तरफ से कोशिश है. हालांकि जांच एजेंसी ने कहा कि वह इस मामले में चौधरी को गिरफ्तार करने का कोई इरादा नहीं रखती थी.

ईडी ने कोर्ट को बताया कि जिस तरह का यह मामला था उसे देखते हुए पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की जांच करने के लिए चौधरी को समन किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने चौधरी की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है और मामले की सुनवाई 17 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है. अगली सुनवाई में ईडी को इस मामले में कोर्ट को 3 दिसंबर को चौधरी से होने वाली पूछताछ और जांच से जुड़ी जानकारी भी कोर्ट को देनी होगी.

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तेलुगू देशम पार्टी 2014 से 2018 के बीच एनडीए सरकार की घटक रही है. 2018 में टीडीपी एनडीए से अलग हो गई जिसके बाद वाई. एस. चौधरी को अपना पद गंवाना पड़ा. हाल ही में ईडी और आयकर विभाग में चौधरी के घर और दफ्तर पर छापे डाले थे. इसमें छह लग्जरी गाड़ियां, मुखौटा कंपनियों के नाम पर बरामद की गई थीं. इसके बाद चौधरी पर मनी लांड्रिंग के आरोप लगे थे. वहीं चौधरी का कहना है कि तेलगु देशम पार्टी के बीजेपी से अलग होने की उन्हें सज़ा दी जा रही है.

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