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विदेश में छुट्टियां मना रहे चंद्रबाबू, इधर राज्यसभा के 6 TDP सांसदों में से 4 बीजेपी के हो गए

विदेश में छुट्टी बिता रहे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को तगड़ा झटका लगा है. उनकी  पार्टी  के चार राज्यसभा सासंदों ने टीडीपी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.

बीजेपी में शामिल हुए टीडीपी के सांसद बीजेपी में शामिल हुए टीडीपी के सांसद
आशीष पांडेय/पॉलोमी साहा
  • हैदराबाद,
  • 20 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को बड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी से चार राज्यसभा सांसदों ने टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. जो टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं, उनमें राज्यसभा सांसद सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी शामिल हैं.

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इन चारों सांसदों ने राज्यसभा में टीडीपी के भारतीय जनता पार्टी में विलय का प्रस्ताव पास किया और इसकी जानकारी राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को दी. राज्यसभा में टीडीपी के कुल 6 सांसद थे, लेकिन अब सिर्फ दो ही बचे हैं. बीजेपी में शामिल होने वाले टीडीपी के इन सांसदों पर दलबदल कानून नहीं लागू होगा. इसकी वजह यह है कि दलबदल कानून किसी सदन में एक पार्टी के दो तिहाई सदस्यों को अपनी पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय करने का अधिकार देता है. लिहाजा ये चारों राज्यसभा के सदस्य बने रहेंगे.

टीडीपी के इन सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की. बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इनको पार्टी में शामिल कराया. टीडीपी के इन चार राज्यसभा सांसद बीजेपी में उस समय शामिल हुए हैं, जब टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं.

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वहीं, टीडीपी अध्यक्ष एन  चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'हमने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और राज्य के हित के लिए बीजेपी से लड़ाई लड़ी. हमने सूबे को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री पद तक को छोड़ दिया. हम टीडीपी को कमजोर करने की बीजेपी की कोशिश की निंदा करते हैं. टीडीपी में संकट कोई नया नहीं है. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निराश होने की जरूरत नहीं है.'

आपको बता दें कि बीजेपी के पास मौजूदा आंध्र प्रदेश में विधानसभा में कोई भी विधायक नहीं है, जबकि पिछली विधानसभा में भाजपा को पांच सीटें मिली थी. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का टीडीपी के साथ गठबंधन था. जबकि इस बार हुए चुनाव में टीडीपी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था. ऐसे में चंद्रबाबू नायडू के विदेश दौरे से लौटने के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है.

चुनावों में TDP को मिली हार

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में टीडीपी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में महज 3 ही सीटें जीत पाई, जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने 22 सीटों पर कब्जा किया. वहीं विधानसभा चुनावों में टीडीपी ने प्रदेश की 175 सीटों में से महज 23 सीटें ही जीतीं. सबसे ज्यादा सीटें 151 वाईएसआर कांग्रेस के खाते में आईं. जनसेना पार्टी ने एक सीट पर कब्जा किया.  

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