Advertisement

तापमान में गिरावट शुरू, सीजन में जोरदार ठंड की संभावना

उत्तर भारत में तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी बना रहेगा. ऐसा अनुमान है कि कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस जल्द ही दस्तक देगा जिसकी वजह से तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला एक बार शुरू हो जाएगा.

इस बार ज्यादा पड़ेगी सर्दी इस बार ज्यादा पड़ेगी सर्दी
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 10:57 PM IST

उत्तर भारत में तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी बना रहेगा. ऐसा अनुमान है कि कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस जल्द ही दस्तक देगा जिसकी वजह से तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला एक बार शुरू हो जाएगा. मौसम विभाग का कहना है कि इस समय कि अगर हम बात करते हैं तो सीजन का पहला स्नोफॉल केदारनाथ और गंगोत्री में हो चुका है बड़ी बात यह है कि इस समय मानसून की वापसी भी उत्तर-पश्चिम भारत से हो चुकी है और इस वजह से हवाओं का रुख भी बदल चुका है.

Advertisement

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों की अगर हम बात करते हैं तो यहां पर उत्तर पश्चिम दिशा से चल रही हवाओं ने अपने पांव पसार लिए हैं. इस वजह से रात के तापमान में गिरावट देखी जा रही है और दिन की अगर हम बात करते हैं तो दिन में धूप खिली हुई है लेकिन हवा चलने की वजह से तापमान ऊपर नहीं चढ़ पा रहे हैं.

मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले दो हफ्तों में तापमान में खासी गिरावट देखी जाएगी जिससे लोगों को सुबह शाम की ठंड का अहसास होना शुरू हो जाएगा 2 दिन के बाद की अगर हम बात करते हैं तो ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तर-पश्चिम भारत में खास तौर पर कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस दस्तक देगा जिसकी वजह से पीरपंजाल और जंस्कार की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने की संभावना है.

Advertisement

मौसम के जानकारों का कहना है कि इस बार की अगर हम बात करते हैं तो इस बार ठंड ज्यादा पड़ने की संभावना जताई जा रही है और इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह है वजह यह है कि अटलांटिक महासागर के ऊपर जिस तरीके से वेदर सिस्टम देखे जा रहे हैं उससे ऐसा अनुमान है कि आने वाले वक्त में वहां से चलने वाली हवाएं वेस्टर्न डिस्टरबेंस को और ज्यादा ताकतवर बनाने की कुवत रखती हैं. इस वजह से आने वाले दिनों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाएगी और साथ ही इनकी ताकत भी.

ऐसा अनुमान है कि इस बार उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में ज्यादा ठंड पड़ेगी क्योंकि हिमालय में इस बार ज्यादा बारिश होने की संभावना बन गई है मौसम के जानकारों का कहना है ऐसा इस वजह से होगा क्योंकि इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस कुछ ज्यादा ही संख्या में आएंगे और इनकी ताकत भी कुछ ज्यादा ही रहेगी इस वजह से ही अनुमान लगाया जा रहा है कि दीपावली के बाद या नहीं नवंबर की शुरुआत में मौसम पूरी तरीके से करवट ले लेगा.

मौसम विभाग का कहना है कि ठंड के बारे में अभी से अगर कुछ कहा जाए तो यह काफी जल्दबाजी होगा क्योंकि ठंड का सीजन मौसम विज्ञान के मुताबिक जनवरी और फरवरी का है बहराल मौसम विभाग कुछ भी कहे लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बार ज्यादा ठंड की संभावना बन रही है उधर दूसरी तरफ अक्टूबर के महीने में इस बात की संभावना भी बढ़ गई है कि जल्द ही कोई साइक्लोन बंगाल की खाड़ी में दस्तक दे दे। साइक्लोन की संभावना इस बात से बनी है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में इस समय हवाओं के रूख में तब्दीली देखी जा रही है और इस तब्दीली पर मौसम वैज्ञानिक लगातार नजर रखे हुए हैं ऐसा अनुमान है अक्टूबर खत्म होते-होते कोई-न-कोई साइक्लोन बंगाल की खाड़ी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई देगा अगर ऐसा हुआ तो पूरे भारत में मौसम के रूप में बदलाव पूरी तरीके से संभव है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement