
अमेरिका में हो रही न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को रोके बिना न्यूक्लियर सिक्योरिटी का दावा पूरा नहीं हो सकता. इस समिट में 53 देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं.
समिट से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डिनर पार्टी आयोजित की. जिसमें मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद को किसी और की परेशानी बताने वाले और इसका समर्थन करने वाले देशों को दरकिनार किया जाना चाहिए.
'यह समस्या किसी एक की नहीं है'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है, वह किसी एक के लिए नहीं, सबके लिए खतरा है. इसमें हमारा या उनका आतंकवादी कहना गलत है.' उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनियाभर की समस्या है लेकिन सब इसे राष्ट्रीय खतरा मानकर लड़ रहे हैं.
9/11 हमले के बाद आतंकवादियों द्वारा परमाणु हथियार का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गया है. आतंकी परमाणु हथियार खरीदने के अलावा ही चुराकर भी इसका दुरुपयोग किया जा सकता है.
2010 में शुरू हुई थी न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट
न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट की शुरुआत 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी. इसके पीछे मकसद न्यूक्लियर हथियारों को आतंकियों से बचाना है. दुनिया भर के देशों को इस बात का डर है कि आतंकवादी भविष्य में न्यूक्लियर हथियार चुराकर या खरीदकर इनका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.