
देश की एक बड़ी आबादी शराब पीती है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा में दी. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के मुताबिक देश में 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं. देश में स्कूली छात्रों के बीच नशे की बढ़ती लत पर लाए गए प्रस्ताव पर कई दलों के सदस्यों के जरिए मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में राज्यसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह जवाब दिया. उन्होंने कहा कि देश में 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं. जबकि करीब 6 करोड़ लोगों को इसकी लत है. इसके साथ ही करीब 3.1 करोड़ लोग भांग उत्पादों का सेवन करते हैं.
गुरुवार को राज्यसभा में सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार देश के 10 प्रमुख शहरी स्कूल और कॉलेजों में छात्रों के बीच नशे की लत पर भी एक सर्वेक्षण करा रही है. थावरचंद गहलोत के मुताबिक, उनके मंत्रालय ने साल 2018 में देश में अपनी तरह का यह पहला सर्वेक्षण कराया था.
नेशनल ड्रग डिपेंडेंस सेंटर (एनडीडीटीसी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली ने ये सर्वेक्षण किया. देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए इस सर्वेक्षण में 2,00,111 परिवारों से मिलकर नशीले पदार्थों के उपयोग की सीमा और पद्धति के बारे में 4,73,569 लोगों से सवाल पूछे गए. इन सर्वेक्षणों में सामने आया कि 16 करोड़ लोग शराब, 3.1 करोड़ लोग भांग उत्पाद और 2.26 करोड़ लोग अफीम का सेवन करते हैं.
गहलोत के मुताबिक वर्तमान में 10 से 75 की उम्र के लगभग 1.18 करोड़ लोग सीडेटिव्स (गैर चिकित्सकीय, बिना चिकित्सा नुस्खे) का इस्तेमाल करते हैं. वहीं 77 लाख लोग (51 लाख व्यस्क और 26 लाख बच्चे) इनहेलेंट्स का प्रयोग करते हैं. नशीले पदार्थ में इनहेलेंट्स बच्चों और किशोरों में ज्यादा प्रचलित पाई गई.
गहलोत ने कहा, ‘मैं यह भी बताना चाहूंगा कि देश के 10 शहरों श्रीनगर, चंडीगढ़, लखनऊ, रांची, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, इंफाल, डिब्रूगढ़ और दिल्ली में राष्ट्रीय सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच नशीले पदार्थों के उपयोग के पैटर्न और प्रोफाइल का आकलन करने के उद्देश्य से एक सर्वेक्षण भी किया जा रहा है. इस सर्वेक्षण के कुल नमूनों के आकार में स्कूल के छह हजार छात्रों और कॉलेज के दो हजार छात्रों को शामिल किया जा रहा है.’उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट नवंबर 2019 तक हासिल होने की उम्मीद है.