
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को सोमवार को राज्यसभा से पास कर दिया गया. पहले वोटिंग मशीन के जरिए की जानी थी लेकिन मशीन में तकनीकी खराबी आने के कारण पर्चियों के जरिए वोटिंग प्रक्रिया पूरी हुई. इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े वहीं विपक्ष में 61 वोट डाले गए.
इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बांटने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार देश को टुकड़े-टुकड़े करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग केंद्र सरकार के साथ नहीं हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ रहना पसंद किया है लेकिन बीजेपी सरकार ने देश को बांटा है.
आजाद ने कहा कि इस प्रस्तावित संकल्प से देश में राज्यों की संख्या 29 से घट कर 28 रह जाएगी. उन्होंने शाह से कहा, "हमने प्रधानमंत्री के बाद मुख्यमंत्री को देखा और अब वहां उपराज्यपाल होगा. आपने राज्यपाल को लिपिक बना दिया. आपने जम्मू कश्मीर को अस्तित्वहीन बना दिया. ऐसा ही अपने राज्य के साथ कीजिए और देखिए क्या होता है."