
हरियाणा के बिल्डर पीडीएम (प्रभु दयाल मेमोरियल) से करीब 400 फ्लैट खरीददारों ने 2008 में फ्लैट बुक कराया था, लेकिन अब फ्लैट का पजेशन नहीं मिलने से खरीददारों ने नाराजगी व्यक्त की और दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. खरीदारों ने कहा कि, वोट मांगने वाले नेता बताएं 'मेरा चौकीदार कौन है'.
फ्लैट घोटाले के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों ने हरियाणा के बिल्डर पीडीएम पर 200 करोड़ रुपए की ठगी करने का इल्जाम लगाया और 200 से ज्यादा खरीदारों ने 28 मार्च को दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर पर जमकर नारे लगाए.
हालांकि बाद में पुलिस ने इस पर पहल की और ज्वाइंट सीपी स्तर के एक अधिकारी ने इनकी शिकायत पर कारवाई करने की बात कही. आवाज उठाने वाले लोगों में बुजुर्ग महिलाएं, सरकारी विभागों व निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोग शामिल थे.
मेहनत की कमाई वापस पाने की कोशिश में इन लोगों ने बहादुर गढ़ हरियाणा के प्रभु शांति रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रर्दशन जारी रखने की बात कही. घर खरीदने वाले करीब 400 लोग मेहनत की कमाई से पीडीएम हाईटेक होम्स में घर खरीदने के लिए पैसे लगाए थे. फ्लैट सेक्टर 3A,बहादुरगढ़ में बनना था.
पीडीएम समूह जाना माना समूह है, जो हरियाणा के विभिन्न शहरों में स्थानीय शिक्षा के लिए पीडीएम यूनिवर्सिटी और संस्थाएं चलाता है. आरोप है कि बिल्डर ने परियोजना को बीच में ही छोड़ दिया और सिर्फ कोरा आश्वासन देते देते 10 साल हो गए. पीड़ित का मानना है कि निवेशकों के लिए फ्लैट बनना और उनका आवंटन अभी भी दूर का सपना है.
लेह में पोस्टेड सेना के जवान सुनील शर्मा ने कहा कि उनकी गाढ़ी कमाई बिल्डर खा गया और अब पुलिस कारवाई के लिए उन्हें छुट्टी लेकर बार-बार दिल्ली आना पड़ रहा है. वीपी अरोड़ा ने कहा कि घर खरीदने वाले निर्दोष लोगों के जीवन भर की बचत पीडीएम बिल्डर ने लूट ली. उसकी संपत्ति जब्त कर ये पैसे वसूले जाने चाहिए.
अधिकतर खरीदारों की मांग है कि इस परियोजना को पूरा किया जाए, या ब्याज के साथ पैसे वापस दिए जाएं. उन्होंने मांग की कि बिल्डर को देश से बाहर जाने से रोका जाए.
खरीदारों का आरोप है कि दिल्ली के के. एन. काटजू थाना इलाके में और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत देने के बाद भी अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई है. मांग ये भी है कि एफआईआर लिखने में इरादतन देरी के लिए संबंधित पुलिसवालों के खिलाफ भी कारवाई हो.
हालांकि प्रदर्शन के बाद पुलिस के आलाअधिकारियों ने खरीदारों से बात कर उचित करवाई करने की बात कही है.