Advertisement

इस साल के अंत तक नौसेना में शामिल हो सकती है स्कॉर्पियन पनडुब्बी

फ्रांस की तकनीक के साथ इन पनडुब्बियों का करीब 3.5 बिलियन डॉलर की कीमत से मझगांव डॉक लिमिटेड में निर्माण किया जा रहा है.

स्कॉर्पियन पनडुब्बी स्कॉर्पियन पनडुब्बी
लव रघुवंशी/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

भारतीय नौसेना ने डाटा लीक प्रकरण को पीछे छोड़ते हुए फ्रांस द्वारा बनाई गयी स्कॉर्पियन पनडुब्बियों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए आखिरकार एक समयसीमा तय कर ली है और पहली दो पनडुब्बियों के इस वर्ष नौसेना में शामिल होने की संभावना है. नौसेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि पहली अत्याधुनिक पनडुब्बी कलवारी को इस वर्ष के मध्य में शामिल करने की तैयारी है. इससे मिसाइलों और हथियार प्रणाली से लैस करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है.

Advertisement

फ्रांस की तकनीक के साथ इन पनडुब्बियों का करीब 3.5 बिलियन डॉलर की कीमत से मझगांव डॉक लिमिटेड में निर्माण किया जा रहा है. योजना के अनुसार दूसरी पनडुब्बी खांदेरी को इस साल के अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा और इसके बाद नौ महीने के अंतराल पर बाकी की पनडुब्बियों को शामिल किया जाएगा.

गोपनीय सूचनाएं हुई थीं लीक

गौरतलब है कि अगस्त में इन पनडुब्बियों की क्षमताओं पर 22 हजार से अधिक पृष्ठों की अत्यधिक गोपनीय सूचनाएं लीक हो गई थीं और आस्ट्रेलिया के एक समाचार पत्र ने इनकी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया था. उस समय नौसेना के सूत्रों ने कहा था कि दस्तावेज पुराने हैं और भारतीय पनडुब्बियों के डिजाइन में शुरुआती डिजाइन से लेकर अब तक कई बदलाव किए गए हैं.

Advertisement

नौसेना की क्षमता बढ़ाने पर जोर

ऐसे समय में जब चीन हिंद महासागर में अपनी नौवहन गतिविधियों को बढ़ा रहा है तो इन पनडुब्बियों के आने से भारत की नौसैन्य शक्ति के बढ़ने की उम्मीद है. ये सभी छह डीजल-इलेक्टि्रक आक्रमण पनडुब्बियां जहाज रोधी मिसाइल से लैस है. नौसेना ने गुरुवार को जहाज रोधी मिसाइल कलवारी का सफल परीक्षण किया था. पहली पनडुब्बी का निर्माण कार्य 23 मई 2009 को शुरू हुआ था और यह परियोजना अपने निर्धारित समय से चार वर्ष पीछे चल रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement