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मोदी की 5 बड़ी योजनाएं जो 2019 में पलट सकती हैं सत्ता की बाजी

आगामी आम चुनावों में पार्टी की कोशिश बीते पांच साल के दौरान शुरू की गई योजनाओं की सफलता पर सत्ता में कायम रहने की होगी. केन्द्र सरकार की इन पांच योजनाओं के आंकड़ों के देखे तो 2019 में ये योजनाएं सत्ता की बाजी पलट सकती हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो-AP) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो-AP)
राहुल मिश्र
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  • 06 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद अनौपचारिक तौर पर देश में आम चुनाव 2019 का बिगुल बज जाएगा. 2014 के चुनावों में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने अप्रत्याशित बहुमत के साथ देश में पहली पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार बनाई और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. अब अपना पहला कार्यकाल पूरा कर रहे नरेन्द्र मोदी एक बार फिर दूसरे कार्यकाल के लिए जनता के बीच होंगे.

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आगामी आम चुनावों में पार्टी की कोशिश बीते पांच साल के दौरान शुरू की गई योजनाओं की सफलता पर सत्ता में कायम रहने की होगी. केन्द्र सरकार की इन पांच योजनाओं के आंकड़ों के देखे तो 2019 में ये योजनाएं सत्ता की बाजी पलट सकती हैं.

मुद्रा

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों को बिना किसी सिक्योरिटी के कर्ज देने का प्रावधान है. यह कर्ज नॉन एग्रीकल्चरल सेक्टर में छोटे कारोबार को बढ़ावा देते हुए रोजगार बढ़ाने के लिए दिया जाता है. इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया और इसके तहत 5.71 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा जा चुका है. इस योजना का लाभ तीन साल के दौरान 12.27 करोड़ लोगों को दिया जा चुका जिसमें 3.49 करोड़ लाभार्थियों ने नए कारोबार के लिए कर्ज लिया है.

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उज्जवला

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे 5 करोड़ परिवारों को बिना किसी सिक्योरिटी राशि के एलपीजी कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया गया. लॉन्च के बाद 5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रिकॉर्ड 28 महीनों में पूरा कर लिया गया. जिसके बाद मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इस योजना का लक्ष्य 8 करोड़ परिवार कर दिया गया है औऱ केन्द्रीय बजट से योजना के लिए 12,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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आवास

ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में सभी परिवारों के लिए 2022 तक घर का प्रावधान किया गया है. इस योजना को 20 नवंबर 2016 को लॉन्च किया गया और 2022 तक 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया. योजना के पहले चरण में 31 मार्च 2019 तक 1 करोड़ पक्का घर बनाने का लक्ष्य है. केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक ग्रामीण क्षेत्र में कुल 1.07 करोड़ पक्का मकान तैयार कर लिए गए हैं. इनमें से 38.20 लाख मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत औऱ बचे हुए मकान इंदिरा आवास योजना के तहत बने हैं.

शौचालय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया और 2 अक्टूबर 2019 तक इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य तय किया गया. इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को घर में शौचालय बनाने के लिए 12,000 रुपये देने का प्रावधान है. यह रकम दोनों केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें एक तय फॉर्मूले के तहत देती हैं. केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 88.9 फीसदी ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है. योजना को 2014 में लॉन्च करने के बाद से अभी तक 7.94 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण किया गया है. ये निर्माण 19 राज्यों के 419 जिलों में 4.06 लाख गांवों में किया गया है और इस गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है.

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जनधन

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत समाज के कमजोर तबके और कम आय वाले परिवारों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. योजना के तहत गरीब नागरिकों को सेविंग बैंक अकाउंट के साथ-साथ कर्ज लेने, पैसा ट्रांसफर करने, इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी जोड़ा गया है. केन्द्र सरकार के ताजे आंकड़ों के मुताबिक देश में 32.41 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं. इन खातों में कुल जमा 81,200 करोड़ रुपये से अधिक है. जनधन के तहत खुले बैंक खातों में 53 फीसदी खाते महिलाओं के खोले गए हैं और 59 फीसदी खाते देश के ग्रामीण इलाकों और कस्बों में खुला है. इसी योजना के तहत आसानी से ट्रांजैक्शन करने के लिए जनधन खातों पर 24.4 करोड़ रूपे कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं.

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