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मोदी के पर्यटन मंत्री बोले- भारत आएं लेकिन अपने देश में बीफ खाएं पर्यटक

ओडिशा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी सरकार में नए-नए मंत्री बने अलफोंस कनन्नथानम ने ये बयान दिया. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा था कि केरल में बीफ खानों वालों के लिए बीफ की कमी नहीं होगी.

अलफोंस कनन्नथानम (File Photo) अलफोंस कनन्नथानम (File Photo)
मोहित ग्रोवर
  • ओडिशा,
  • 08 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

मोदी सरकार में नए-नए मंत्री बने अलफोंस कनन्नथानम ने आते ही नई बहस शुरू कर दी है. सरकार में पर्यटन मंत्री बनाए गए अलफोंस ने भारत आने वाले पर्यटकों से कहा कि वे अपने देश में ही बीफ खाएं और तब भारत में आएं. अलफोंस ओडिशा में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे.

जब उनसे पूछा गया कि कुछ राज्यों में बीफ बैन है तो क्या उससे भारत में आने वाले पर्यटकों पर फर्क पड़ेगा. तब उन्होंने ये बयान दिया. आपको बता दें कि हाल ही में उन्होंने कहा था कि केरल के लोगों को बीफ मिलता रहेगा. गौरतलब है कि हाल ही में मोदी कैबिनेट में हुए विस्तार में ही उन्हें मंत्री बनाया गया था.

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कौन हैं अलफोंस?

अलफोंस कननथनम केरल काडर के 1979 बैच के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं. वह डीडीए के कमीशनर भी रह चुके हैं. पेशे से वकील भी हैं. अलफोंस उस समय मशहूर हुए थे जब वो डीडीए के कमिश्नर थे और उन्होंने 15,000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया. उन्हें डिमॉलिशन मैन के रूप में जाना जाने लगा था. इसके चलते साल 1994 में उन्हें टाइम मैगजीन के 100 युवा ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में शामिल किया गया था.

 

अल्फोंज का जन्म कोट्टयम जिले के मणिमाला नामक एक ऐसे गांव में हुआ था जहां बिजली तक नहीं हुआ करती थी. जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन चलाया और साल 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100% साक्षर (एजुकेटेड) टाउन बनाया. अलफोंस ने साल 1994 में एक एनजीओ जनशक्ति की शुरुआत की. अलफोंस आईएएस के पद से रिटायर होने के बाद साल 2006 से 2011 तक केरल के विधायक रहे. उन्होंने बेस्टसेलिंग किताब 'मेकिंग अ डिफरेंस' लिखी.

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