
उत्तर प्रदेश में पिछले पांच दिनों के भीतर हुए दो ट्रेन हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की है. हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर कर सकते हैं. सुरेश प्रभु की इस्तीफे की पेशकश के बाद जल्दी होने वाले कैबिनेट फेरबदल में उनकी छुट्टी होगी. सूत्रों की मानें तो सरकार उनके इस्तीफे को रेल ऐक्सिडेंट से जोड़कर नहीं दिखना चाहती हैं, बल्कि ऐसा शो करना चाहती हैं कि कैबिनेट फेरबदल में उनको हटाया गया.
सुरेश प्रभु ने क्या कहा?
प्रभु ने ट्वीट कर कहा- तीन साल से भी कम वक्त के दौरान मैंने मंत्री रहते हुए खून पसीने से रेलवे की बेहतरी के लिए काम किया. हाल में हुए हादसों से मैं काफी आहत हूं. पैसेंजरों की जान जाने, उनके घायल होने से मैं दुखी हूं. इससे मुझे बहुत पीड़ा है. पीएम के न्यू इंडिया विजन के तहत पीएम को ऐसे रेलवे की जरूरत है जो सक्षम हो और आधुनिक हो. मैं वादा कर सकता हूं कि हम उसी राह पर हैं, रेलवे आगे बढ़ रहा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी सेक्टर में दशकों पुराने सिस्टम और सुधारों से पार पाने की कोशिश की. मैंने पीएम मोदी से मुलाकात की. इन हादसों की मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं. पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने भी दिया इस्तीफा
इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने भी इस हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल बार-बार हो रहे हादसों के कारण भारतीय रेल विभाग निशाने पर था, जिसके बाद मित्तल का इस्तीफा सामने आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मित्तल पिछले कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू से बीमार होने के कारण छुट्टी पर थे. हालांकि इसके बावजूद वे बुधवार को रेल भवन पहुंचे और जरूरी फाइलें निपटाने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इन रेल हादसों की वजह से सुरेश प्रभु ने उठाया कदम
23 अगस्त 2017
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बुधवार देर रात कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही इस ट्रेन के हादसे के शिकार होने के कारण कम से कम 74 लोग घायल हो गए. यूपी में पिछले पांच दिनों के अंदर यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है.19 अगस्त 2017
उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई जबकि तकरीबन 150 लोग जख्मी हो गए. इस हादसे में रेल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. रेलमंत्री ने इस मामले में रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की.