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तीन तलाक बिल पर सरकार की अग्निपरीक्षा, हुए ये 3 बदलाव

Triple Talaq bill loksabha मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (Triple Talaq) से आजादी दिलाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर कदम उठाने जा रही है. गुरुवार को लोकसभा में तीन बदलाव के साथ आए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 बिल पर चर्चा होगी.

मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम महिलाएं
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (Triple Talaq) से निजात दिलाने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. गुरुवार को एक बार फिर लोकसभा में  'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' पर चर्चा हो सकती है. सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर पिछले सप्ताह सदन में चर्चा के लिए सहमति बनी थी. बीजेपी और कांग्रेस ने लोकसभा के अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा चुकी हैं.

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गौरतलब है कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल को पिछले साल लाई थी, बिल लोकसभा में चर्चा के बाद पास भी हो गया था. लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के विरोध के चलते वह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था.  

विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और उनके पतियों द्वारा एक बार में 'तलाक, तलाक, तलाक' बोलकर तलाक देने पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने तीन महत्वपूर्ण संशोधन के साथ दूसरी बार 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' लाई है. सरकार इस विधेयक को पिछले हफ्ते पास कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा राफेल सौदे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच समेत अन्य मांगों को लेकर हुए हंगामे के चलते बिल पर चर्चा नहीं हो सकी थी.

क्या हैं तीन बदलाव

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पहला संशोधन

पहले का प्रावधान- इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पुलिस संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी.

अब संशोधन के बाद- अब पीड़िता, सगे रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेंगे.

दूसरा संशोधन

पहले का प्रावधान-पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था. पुलिस बिना वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती थी.

अब संशोधन के बाद- मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा.

तीसरा संशोधन

पहले का प्रावधान- पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था.

अब संशोधन के बाद-मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा.

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