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तीन तलाक पर बोले आजम खान- जो कुरान कहेगा, वही करेंगे

लोकसभा में आज चौथी बार तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पेश किया जाएगा. बिल पेश होने से पहले समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन इसके विरोध में उतर आए हैं. 

संसद में पेश होगा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक (सांकेतिक तस्वीर) संसद में पेश होगा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक (सांकेतिक तस्वीर)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

लोकसभा में आज चौथी बार तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पेश किया जाएगा. बिल पेश होने से पहले समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन इसके विरोध में उतर आए हैं. 'आजतक' से खास बात करते हुए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन ने कहा कि मैं ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करता हूं.

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सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि इस बिल को लाकर सरकार व्यवस्था बिगाड़ना चाहती है. राष्ट्रपति को अपने अभिभाषण में ट्रिपल तलाक का मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमारे हिसाब से ट्रिपल तलाक चलते रहना चाहिए.

वहीं रामपुर से सपा के सांसद आजम खान ने भी कहा कि जो कुरान कहता है वही हम मानेंगे. इस्लाम से ज्यादा औरत का हक किसने दिया. पंद्रह सौ साल पहले मुसलमानों ने ही महिलाओं को बराबरी का हक दिया. महिलाओं को जलाया नहीं जाता है. जान नहीं ली जाती है. जब यह बिल आएगा तब हम देखेंगे. यह राजनीति क्यों नहीं है. धार्मिक मसला है. मुसलमानों के लिए कुरान से बढ़कर कुछ भी नहीं है. कुरान में सारे तरीके मौजूद हैं.

बता दें कि आज तीन तलाक विधेयक पेश होना है लेकिन कांग्रेस ने भी इसका विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस ने कहा है कि विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चर्चा की जरूरत है. 13 जून को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि तीन तलाक पर हमने कुछ बुनियादी मुद्दे उठाए हैं, सरकार कई बिंदुओं पर सहमत हुई है. उन्होंने कहा, बहुत सारा समय बच सकता है. अगर सरकार हमारे पहले के बिंदुओं पर सहमत हो गई होती.

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सिंघवी ने कहा, अभी भी एक या दो बिंदु बचे हैं..और उन बिंदुओं पर चर्चा की जरूरत है। हम इसका (विधेयक का) विरोध करेंगे. सिंघवी की टिप्पणी सरकार द्वारा संसद में तीन तलाक के खिलाफ एक विधेयक के पेश किए जाने की घोषणा के बाद आई है जिसमें तीन तलाक देने वाले को तीन साल की सजा का प्रावधान है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है. यह फरवरी में घोषित किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा. सरकार का कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता व लैंगिक न्याय सुनिश्चित करेगा। यह शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा और 'तलाक-ए-बिद्दत' से तलाक को रोकेगा.

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