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नहीं चलेगी जुगाड़, तीन तलाक के साथ तलाक-ए-बाइन भी होगा जुर्म

सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है. इसके बाद इसे जुर्म बनाकर इसके इस्तेमाल पर सजा का प्रावधान वाला बिल आज मोदी सरकार ने लोकसभा में पेश किया. बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने सवाल उठाया कि सरकार तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को तो जुर्म घोषित कर देगी लेकिन उसकी काट के लिए तलाक-ए-बाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुष्मिता ने अपनी बात के समर्थन में 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन का हवाला दिया.

बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

लोकसभा में ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए लाए गए बिल पर बहस के दौरान 'आजतक' के उस स्टिंग ऑपरेशन का भी जिक्र हुआ जिसमें मुल्ला-मौलवी तलाक ए बिद्दत यानी तीन तलाक बैन हो जाने के बाद उसकी काट के रास्ते तलाश रहे हैं. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने ये मामला उठाया, और सरकार से जवाब मांगा लेकिन बीजेपी की ओर से सांसद मीनाक्षी लेखी ने अपने जवाब में साफ कर दिया कि इस बिल से सिर्फ तलाक-ए-बिद्दत ही नहीं बल्कि उसकी काट के तौर पर इस्तेमाल हो रहे तलाक-ए-बाइन को भी जुर्म माना जाएगा.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है. इसके बाद इसे जुर्म बनाकर इसके इस्तेमाल पर सजा का प्रावधान वाला बिल आज मोदी सरकार ने लोकसभा में पेश किया. बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने सवाल उठाया कि सरकार तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को तो जुर्म घोषित कर देगी लेकिन उसकी काट के लिए तलाक-ए-बाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुष्मिता ने अपनी बात के समर्थन में 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन का हवाला दिया.

गौरतलब है कि बुधवार शाम दिखाए गए आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में कई ऐसे मौलवी बेनकाब हुए थे जो तलाक-ए-बिद्दत बैन होने के बाद तलाक-ए-बाइन के जरिए पति-पत्नी को अलग करवा रहे थे. तलाक-ए-बाइन में तीन तलाक बोलने की जरूरत नहीं है. इसमें दो बार तलाक बोलने से तलाक हो जाता है. बिद्दत से तलाक देने के बाद अगर पत्नी को दोबारा जिंदगी में लाना हो तो हलाला की रस्म निभानी पड़ती है जबकि मौलानाओं के मुताबिक तलाक-ए-बाइन के बाद अगर बीवी को वापस जिंदगी में लाना है तो किसी हलाला की जरूरत नहीं है. रिपोर्टर के ये पूछने पर कि उसमें कोई सुप्रीम कोर्ट से दिक्कत तो नहीं होगी? मुफ़्ती सादिक ने जवाब दिया कि कोई दिक्कत नहीं है. ये तो परमिशन है.

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आज जब सुष्मिता देव ने ये मामला सदन में उठाया तो बीजेपी की ओर से मीनाक्षी लेखी ने जवाब दिया. मीनाक्षी ने कहा कि पेश किए गए बिल में सिर्फ तलाक-ए-बिद्दत नहीं बल्कि ऐसे सभी तलाक जिसके जरिए एक झटके में पत्नी को अलग कर दिया जाता है, शामिल किए गए हैं. यानी इसमें तलाक-ए-बिद्दत के साथ-साथ तलाक-ए-बाइन भी शामिल है. ऐसा नहीं होगा कि तीन तलाक बैन होने पर कोई पति अपनी पत्नी को एक या दो बार तलाक कहकर उसे घर से बाहर कर दे और कानून के शिकंजे से बच जाए.

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